नई दिल्ली, 12 फरवरी . एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि संसाधनों की कमी और दबाव के बढ़ेे हुए स्तर और अन्य कारणों से 83 प्रतिशत भारतीय साइबर सुरक्षा और आईटी प्रोफेशनल बर्नआउट से जूझ रहे हैं.
साइबर सुरक्षा फर्म सोफोस के अनुसार, भारत में 33 प्रतिशत कंपनियों में साइबर सुरक्षा और आईटी पेशेवरों के इस्तीफे का कारण सीधे तौर पर बर्नआउट बताया जा रहा है.
संगठनों ने यह भी बताया कि 31 प्रतिशत साइबर सुरक्षा या आईटी कर्मचारी तनाव के कारण अपनी भूमिकाओं से हट गए हैं.
सोफोस के फील्ड सीटीओ आरोन बुगल ने कहा, ”बर्नआउट इन क्षेत्रों को कमजोर कर रहे हैं और संगठनों को कर्मचारियों को सही सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है, खासकर तब जब हमारे शोध के अनुसार 25 प्रतिशत भारतीय उत्तरदाताओं ने माना कि साइबर सुरक्षा उल्लंघन के पीछे सीधे तौर पर बर्नआउट जिम्मेदार है.”
रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलिया (204 कंपनियां), भारत (202), जापान (204), मलेशिया (104), फिलीपींस (103) और सिंगापुर (102) से ली गई कुल 919 प्रतिक्रियाएं शामिल थीं.
इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला है कि साइबर सुरक्षा संचालन के लगभग सभी पहलुओं में बर्नआउट महसूस किया जाता है, 93 प्रतिशत ने कहा कि पिछले 12 महीनों में बर्नआउट मामले बढ़ेे हैं, जो एशिया प्रशांत और जापान में सबसे ज्यादा है.
इसके अलावा 25 प्रतिशत ने पहचाना कि साइबर सुरक्षा में चूक का सीधे तौर पर बर्नआउट जिम्मेदार था. 22 प्रतिशत कंपनियों ने साइबर सुरक्षा घटनाओं पर धीमी गति का अनुभव किया.
बुगल ने कहा, “बोर्डों और कार्यकारी समितियों को साइबर दृष्टिकोण के आसपास बेहतर प्रशासन के लिए अपने प्रतिनियुक्त प्रभारियों से बदलाव लाने और जिम्मेदारी की मांग करने की आवश्यकता है.”
इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 48 प्रतिशत को चिंता का स्तर बढ़ गया है.
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एमकेएस/