एमएसपी को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में खुद ‘फंसे’ राहुल गांधी

नई दिल्ली, 12 फरवरी . न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर सड़कों पर उतरने की किसानों की तैयारियों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर अपनी किरकिरी करवा ली है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कुछ ऐसे आंकड़े साझा कर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है जिन पर सवालिया निशान लग रहे हैं.

जो आंकड़े सामने आए हैं, उनसे राहुल गांधी की पोल खुल रही है. मोदी सरकार पर किसानों को ठगने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि किसानों को फसलों की सही दाम न मिलने की वजह से उन पर 60 फीसदी कर्ज बढ़ गया है. जिसके चलते हर दिन लगभग 30 किसान अपनी जान गंवा रहे हैं.

लेकिन अगर 2010 से 2011 यूपीए कार्यकाल और 2023-24 एनडीए सरकार के एमएसपी चार्ट की तुलना करें तो आंकड़ों से राहुल गांधी की दावे की पोल खुल जाती है.

आंकड़ों के जरिए बताएं तो साल 2010-2011 यूपीए कार्यकाल में जहां खरीफ फसलों में धान की एमएसपी एक हजार रुपये थी, वहीं 2023-24 में एनडीए सरकार में 2,183 रुपए पहुंच गई. यानी कि अब धान की कीमतों में 118 प्रतिशत का उछाल आया है. वहीं ज्वार 880 रुपये से बढ़कर 3,180 रुपये तक पहुंच गया. अब तक 261 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, रागी की एमएसपी 965 से बढ़कर 3,846 रुपये हो गई है. रागी में 299 प्रतिशत प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

इसके अलावा सोयाबीन की कीमत में 219 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मूंग की दाल में कीमतों में 170 प्रतिशत, उड़द की 140 प्रतिशत बढ़ी है.

रबी की फसल की बात करें तो, गेहूं की एमएसपी 1,120 से बढ़कर 2,275 रुपये हो गई, यानि कि 103 प्रतिशत का उछाल आया है. मसूर की एमएसपी 2,250 से बढ़कर 6,425 रुपये हो गई है, यानी कि अब तक 186 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

इन आंकड़ों से साफ हो जाता है कि राहुल गांधी द्वारा किया दावा पूरी तरह से निराधार साबित होता है. केंद्र सरकार लगातार अन्नदाताओं के हित में उचित कदम उठा रही है. इससे तो राजनीतिक हलकों में सवाल यही उठ रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों के आंदोलन को आधार बनाकर क्या राहुल गांधी और कांग्रेस अपनी सियासी रोटियां सेंकने के चक्कर में है.

बता दें कि राहुल गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ”दिन रात ‘झूठ की खेती’करने वाले मोदी ने 10 वर्षों में किसानों को सिर्फ ठगा है. दोगुनी आमदनी का वादा कर मोदी ने अन्नदाताओं को एमएसपी के लिए भी तरसा डाला. महंगाई तले दबे किसानों को फसलों का सही दाम न मिलने के कारण उनके कर्ज़े 60 प्रतिशत बढ़ गए – नतीजा, लगभग 30 किसानों ने रोज़ अपनी जान गंवाई. धोखा जिसकी यूएसपी हो, वो एमएसपी के नाम पर किसानों के साथ सिर्फ राजनीति कर सकता है, न्याय नहीं. किसानों की राह में कीलें बिछाने वाले भरोसे के लायक नहीं हैं, इनको दिल्ली से उखाड़ फेंको, किसान को न्याय और मुनाफा कांग्रेस देगी.”

एसके/