गाजियाबाद में “आओ जड़ों से जुड़ें” कार्यशाला आयोजित

गाजियाबाद, 11 फरवरी . मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता और समरसता को बनाए रखने के लिए आरएसएस के साथ मिलकर”आओ जड़ों से जुड़ें” मुहिम के साथ सामने आया है. इस मुहिम के तहत गाजियाबाद में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

इस कार्यशाला में श्रीराम, यूसीसी, तलाक, हिजाब, विवादित भूमि पर इबादतगाह, पूर्वजों, परंपराओं, संस्कृति, राष्ट्रप्रेम और भारतीयता के मुद्दों पर अहम फैसले लिए गए हैं. साथ ही राष्ट्र विरोधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की वकालत की गई. दो दिवसीय कार्यशाला में इंद्रेश कुमार, आरएसएस मेरठ प्रांत प्रचारक सूर्य प्रकाश टोंक, प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव, राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, शाहिद अख्तर समेत कई लोगों ने भाग लिया.

इस मौके पर आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि आप अगर अपने वंशावली (शिजरे) को जानेंगे तो पाएंगे कि कुछ जेनरेशन पहले हम कौन थे, हमारा गोत्र क्या था? हमारे पूर्वज का परिवार कहां है? परिवार के बाकी लोग कहां हैं? क्या कर रहे हैं? अगर उनसे मुलाकात को यथासंभव बनाएं तो हम खुद ब खुद देश की एकता-अखंडता में विश्‍वास रखने वाले हो जाएंगे. धर्म भले ही अलग है, लेकिन हमारी जड़ें एक हैं. वैसे भी, मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना.

इंद्रेश कुमार ने कहा कि दुनियाभर के देशों में हो रहे आतंकी हमले चाहे वो रूस यूक्रेन में हो या इजरायल फिलिस्तीन में हो या बीच में तुर्की या ईरान का मामला हो… भारत सरकार और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक ही स्वर में कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद हो वो अमानवीय था है और रहेगा. अगर हम कट्टरवादी और मजहबी बनेंगे तो विषैले बनेंगे. भारत सरकार ने गाजा में अनेकों ट्रक दवाओं, कपड़ों, अनाजों का जखीरा भेजा. इसी प्रकार इंद्रेश कुमार ने जी 20 के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ करते हुए इसे अभूतपूर्व बताया.

कार्यशाला में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि अपने अपने धर्म पर चलो, दूसरे धर्म की इज्जत करो, लड़ाइयों, दंगों, छुआछूत मुक्त देश बनाओ. हम सब हिंदुस्तानी थे हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तानी रहेंगे. इसी संदर्भ में सभी ने माना कि यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी के लिए मान्य होना चाहिए. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच एक झंडा, एक देश, एक विधान को समर्थन करता है. इस मुद्दे पर यह स्वीकार किया गया कि यूसीसी से देश को मजबूती मिलेगी. समानता कानून से सभी को फायदा है, यह किसी भी धर्म मजहब समुदाय के खिलाफ नहीं है.

पीकेटी/एसजीके