राम मंदिर पर लोकसभा से पारित प्रस्ताव भावी पीढ़ी को देश के मूल्य पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति देगा : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 10 फरवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र के आखिरी दिन सदन द्वारा अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर पर पारित किए गए प्रस्ताव को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आज राम मंदिर को लेकर सदन (लोकसभा) ने जो प्रस्ताव पारित किया है, वो देश की भावी पीढ़ी को देश के मूल्य पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति देगा.

उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि यह सही है कि हर किसी में यह सामर्थ्य नहीं होता है, ऐसी चीजों में कोई हिम्मत दिखाते हैं और कुछ लोग मैदान छोड़कर भाग जाते हैं, लेकिन फिर भी भविष्य में रिकॉर्ड को जो देखेंगे तो आज जो प्रस्ताव पास हुआ है, जो बातें रखी गई है, उसमें संवेदना भी है, संकल्प भी है, सहानुभूति भी है और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को आगे बढ़ाने का तत्व भी है.

लोकसभा में समापन भाषण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कितने ही बुरे दिन क्यों ना गए हों, लेकिन हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ अच्छा करते रहेंगे. यह सदन हमें वह प्रेरणा देता रहेगा और हम सामूहिक संकल्प से सामूहिक शक्ति से उत्तम से उत्तम परिणाम के लिए कार्य करते रहेंगे.

आगामी लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि चुनाव बहुत दूर नहीं है, कुछ लोगों को इससे थोड़ी घबराहट रहती होगी, लेकिन यह लोकतंत्र का सहज और आवश्यक पहलू है. हम सब इसको गर्व से स्वीकार करते हैं और उन्हें विश्वास है कि हमारे चुनाव भी देश की शान बढ़ाने वाले होंगे. लोकतंत्र की हमारी जो परंपरा है, पूरे विश्व को अचंभित करने वाली, वह अवश्य रहेंगी, यह उनका पक्का विश्वास है.

उन्होंने कहा कि कभी-कभी उन पर बड़े मजेदार हमले भी हुए हैं, लेकिन ऐसे हर हमले पर उनके अंदर की शक्ति मजबूती से सामने आई. प्रधानमंत्री मोदी ने वर्तमान 17वीं लोकसभा के पांच वर्षों के दौरान दर्ज की गई कई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा है कि वर्तमान लोकसभा के पांच वर्ष देश में रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म के वर्ष रहे हैं और उन्हें पूरा यकीन है कि देश इस 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देता रहेगा.

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 75 वर्षों तक हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के बनाए नियमों से तय होती रही. लेकिन, अब हमारी आने वाली पीढ़ियां गर्व से कहेंगी कि हम उस समाज में रहते हैं जो दंड संहिता नहीं बल्कि न्याय सहिंता को मानता है.

प्रधानमंत्री ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया. आज का ये दिन हम सबकी उन 5 वर्ष की वैचारिक यात्रा का, राष्ट्र को समर्पित समय का और देश को एक बार फिर से अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है.

एसटीपी/एबीएम