संविधान में जो दरार दिखाई देती थी, उसे धारा-370 हटाकर भर दिया : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 10 फरवरी . संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है. 17वीं लोकसभा के विदाई भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि राम मंदिर को लेकर इस सदन ने जो प्रस्ताव पारित किया है, वह देश की भावी पीढ़ी को इस देश के मूल्य पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति दे रहा है. यह सही है, हर किसी में ये सामर्थ्य नहीं होता है, कोई हिम्मत दिखाते हैं, कोई मैदान छोड़ देता है. इस दौरान पीएम मोदी ने सभी सांसदों का आभार व्यक्त किया.

उन्होंने कहा कि संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया. सदन के माननीय सदस्यों ने भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारा यह नया संसद भवन हमारी विरासत और स्वतंत्रता की भावना को समाहित करता है, जिसे हमने पहली बार 1947 में अनुभव किया था. यहां स्थापित किया गया पवित्र सेंगोल हमारी आने वाली पीढ़ियों को उन आदर्शों की याद दिलाएगा, जिनका हम पालन करते हैं और हर चुनौतीपूर्ण समय के दौरान उन्हें प्रेरणा भी देने का काम करेगा.

लोकसभा के सभापति का आभार व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं ‘पेपरलेस संसद’ के संचालन के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की शुरुआत करने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने बताया कि 17वीं लोकसभा के दौरान संसद की उत्पादकता 97 प्रतिशत रही है. उन्होंने सभापति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे आपने सामान्य व्यक्ति के लिए खोल दिए, ज्ञान का ये खजाना, परंपराओं की ये विरासत, आपने जनसामान्य के लिए खोलकर बहुत बड़ी सेवा की है.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि हम 100 प्रतिशत से अधिक उत्पादकता हासिल करने के संकल्प के साथ 18वीं लोकसभा में प्रवेश करेंगे. 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव इस कार्यकाल में रखी गई है. एक बदलाव की तरफ तेज गति से देश आगे बढ़ा है. इसमें संसद के सदस्यों ने अपनी भागीदारी की है. इस 17वीं लोकसभा के माध्यम से बहुत सारे ऐसे काम हुए हैं, जिसका लोग इंतजार करते थे. पीढ़ियों का इंतजार खत्म हुआ है. अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान के लिए सपना देखा था. लेकिन, हर पल वो संविधान में दरार दिखाई देती थी, एक खाई नजर आती थी, एक रूकावट चुभती थी, इसी सदन ने धारा-370 हटा दिया.

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के पूर्ण रूप के इसके पूर्ण प्रकाश के साथ, इसका प्रकटीकरण हुआ और मैं मानता हूं कि जिन-जिन महापुरुषों ने इस संविधान का निर्माण किया है, उनकी आत्मा जहां भी होगी, हमें आशीर्वाद जरूर दे रही होगी. जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय से वंचित रखा गया था. आज हमें संतोष है कि सामाजिक न्याय का जो हमारा संकल्प है, वह जम्मू-कश्मीर के अपने भाई-बहनों को भी पहुंचाकर हम एक संतोष की अनुभूति कर रहे हैं.

एसके/एबीएम