नई दिल्ली, 8 फरवरी . मोदी सरकार ने गुरुवार को श्वेत पत्र जारी किया, जिसमें सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाई और यूपीए सरकार के कई कामों की कमियां भी गिनाईं.
मोदी सरकार ने बताया कि यूपीए सरकार में परियोजनाओं में देरी होने के कारण उनकी लागत कई सौ करोड़ बढ़ी. यूपीए सरकार में रेलवे में नौकरी के लिए भूमि घोटाले का भी जिक्र किया गया. श्वेत पत्र में मोदी सरकार ने बताया है कि नौकरी के लिए भूमि घोटाले मामले में रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप ‘डी’ में प्रतिस्थापनों की नियुक्ति के बदले भूमि या संपत्ति हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त करना शामिल है. इसकी जांच चल रही है.
श्वेत पत्र में ये भी जिक्र किया गया है कि कैसे यूपीए सरकार में परियोजनाओं में देरी हुई और परियोजनाओं की लागत बढ़ी है.
श्वेत पत्र में बताया गया है कि रेलवे की 442 चालू परियोजनाओं में से केवल 156 (35 प्रतिशत) परियोजनाओं का काम ही पूरा हुआ था. परियोजनाओं के पूरा होने में देरी के परिणामस्वरूप 1.07 लाख करोड़ रुपये की लागत बढ़ गई. यूपीए सरकार में रेलवे बोर्ड ने सुरक्षा की दृष्टि से पुनर्वास के लिए पहचान करने के बाद पुल कार्यों को स्वीकृत करने में औसतन 43 महीने का समय लिया और उसके बाद भी पुल संबंधी कार्यों को औसतन 41 महीने की देरी से पूरा किया गया.
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पीकेटी/एबीएम