नई दिल्ली, 7 फरवरी . संसद की एक समिति ने बुधवार को संसद के दोनों सदनों में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि नगालैंड राज्य द्वारा की जा रही अलग उच्च न्यायालय की मांग उचित है.
स्पेक्ट्रम के निचले सिरे पर जरूरत पूरी करने के लिए अभी भी काम करने की जरूरत है.
समिति ने कहा, “हालांकि, न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) अन्यथा निराशाजनक परिदृश्य में आशा की किरण है, लेकिन योजना के तहत उत्तर पूर्वी राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाना जरूरी है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जीवंत और आकांक्षी लोकतंत्र के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है कि ऐसी अदालतें जीर्ण-शीर्ण किराए के परिसर में अपर्याप्त जगह के साथ काम कर रही हैं, जिनमें शौचालय, पानी कनेक्शन, उचित बिजली आपूर्ति आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.
समिति ने कहा : “राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि वह अपने सभी नागरिकों को न्याय तक पहुंच प्रदान करे, कुशल, आर्थिक और समय पर न्याय प्रदान करने के लिए न्यायिक बुनियादी ढांचा तैयार करे.”
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