वक्फ बोर्ड मामला : अमानतुल्ला खान ने दिल्ली हाईकार्ट से ईडी के समन के खिलाफ याचिका वापस ली

नई दिल्ली, 7 फरवरी . आम आदमी पार्टी के विधायक और वक्फ बोर्ड के प्रमुख अमानतुल्ला खान ने 36 करोड़ रुपये की संपत्ति के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली अपनी याचिका बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से वापस ले ली.

अदालत ने 1 फरवरी को समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और पहले खान को समन के खिलाफ तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि अंतिम समय में राहत नहीं मांगी जा सकती.

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने अब याचिका को वापस लिया हुआ मानते हुए खारिज कर दिया.

अदालत ने पहले भी स्पष्टीकरण मांगा था कि शुरू में समन कब जारी किया गया था.

खान ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) और ईडी द्वारा दायर मामलों को रद्द करने का निर्देश देने की भी मांग की थी.

पीठ ने एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और मामले में समन और जांच को चुनौती देने वाली खान की याचिका पर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था.

अदालत ने कहा था, ”याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील के अनुरोध पर मामले को स्थगित करते हुए यह स्पष्ट किया जाता है कि न तो अदालत ने याचिका में नोटिस जारी किया है और न ही कोई अंतरिम आदेश दिया है.”

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल ने हाल ही में मामले में दायर ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था. ईडी ने जीशान हैदर, उनकी पार्टनरशिप फर्म स्काईपावर, जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर और कौसर इमाम सिद्दीकी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. यह मामला कथित तौर पर अवैध धन से अर्जित की गई 36 करोड़ रुपये की संपत्ति से संबंधित है, जो कथित तौर पर खान से प्रभावित था, जिसने कथित तौर पर 8 करोड़ रुपये नकद दिए थे.

खान की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर ईडी के वकील ने कहा था कि अन्य से संबंधित आगे की जांच जारी है. वकील ने प्रस्तुत किया था कि घातीय अपराध में आरोप दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं से संबंधित हैं, जहां खान कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी और नौकरियां देने सहित भ्रष्ट आचरण में शामिल थे.

ईडी ने जांच के दौरान सीबीआई, एसीबी और दिल्ली पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर पर विचार किया. एसीबी ने खान के खिलाफ पीएमएलए जांच की मांग की, जिसमें आरोप लगाया गया कि कथित गलत कमाई से दिल्ली, तेलंगाना और उत्तराखंड में संपत्तियां हासिल की गईं.

हामिद अली खान और कौसर इमाम सिद्दीकी के स्वामित्व वाले परिसरों की तलाशी में आपत्तिजनक सबूत और अवैध हथियार मिले. बरामद डायरियों में खान और जावेद इमाम सिद्दीकी के बीच उच्च मूल्य के लेनदेन का सुझाव दिया गया है, जिसमें ओखला के तिकोना पार्क में 36 करोड़ रुपये के प्लॉट की खरीद भी शामिल है.

अदालत को बताया गया कि आरोपी के मोबाइल से बरामद 36 करोड़ रुपये बेचने के समझौते में हेरफेर किया गया था, जो सबूतों के साथ छेड़छाड़ का संकेत देता है. ईडी ने कहा कि संपत्ति खान के आदेश पर खरीदी गई थी. अदालत को 27 करोड़ रुपये के नकद लेनदेन के सबूत पेश किए गए, जिससे यह आरोपी व्यक्तियों को बुलाने के लिए एक अनिवार्य मामला बन गया.

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