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New Delhi, 28 नवंबर . Maharashtra-Madhya Pradesh-छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय भाकपा (माओवादी) के एमएमसी जोन से जुड़े नक्सलियों ने नया बयान जारी करके सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. जोन के प्रवक्ता अनंत ने प्रेस नोट और विस्तृत पत्र के माध्यम से घोषणा की है कि 1 जनवरी 2026 को संगठन से जुड़े Naxalite हथियारबंद संघर्ष विराम की घोषणा करेंगे और एक साथ मुख्यधारा में लौटने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
अनंत ने कहा है कि वे किसी भी Naxalite साथी को व्यक्तिगत समर्पण नहीं करने देंगे. उन्होंने आगे कहा, “हम समर्पण नहीं करेंगे, बल्कि ‘पुनर-मागम’ (मुख्यधारा में पुनः शामिल होना) स्वीकार करेंगे.” उन्होंने यह भी साफ किया कि नक्सलियों की ओर से समर्पण की प्रक्रिया एक साथ होगी, टुकड़ों में नहीं.
माओवादी संगठन का यह पत्र Maharashtra, छत्तीसगढ़ और Madhya Pradesh राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों को संबोधित है. पत्र में कहा गया है कि यदि तीनों राज्य Governmentें सहयोग करें तो यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हो सकती है.
पत्र में Naxalite नेतृत्व ने तीनों राज्यों की Governmentों से अनुरोध किया है कि 1 जनवरी 2026 तक सुरक्षा बलों के सभी अभियान पूरी तरह रोके जाएं, जोन के भीतर किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी, मुठभेड़ या हिंसक कार्रवाई न की जाए, ताकि समर्पण की प्रक्रिया बाधित न हो.
अनंत ने कहा कि वे आने वाले एक महीने में जोनभर में फैले अपने सभी साथियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेंगे. पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और 10 से 15 दिनों का समय पर्याप्त बताया है, लेकिन माओवादी नेतृत्व ने तर्क दिया कि एक महीने की तय तारीख (1 जनवरी 2026) से कोई समझौता नहीं होगा. वहीं, Maharashtra और Madhya Pradesh की Governmentों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर संगठन ने निराशा जताई है.
नक्सल प्रवक्ता ने आपसी संपर्क के लिए 435.715 मेगाहर्ट्ज की ओपन फ्रीक्वेंसी घोषित करते हुए कहा कि अगले एक महीने तक हर दिन सुबह 11 बजे से 11:15 बजे के बीच जोन में फैले सभी Naxalite इससे संपर्क कर सकेंगे. उन्होंने अपने साथियों से अपील की है कि वे आवेश में आकर कोई गलत कदम न उठाएं. प्रवक्ता ने तीनों राज्य Governmentों से आग्रह किया है कि उनका संदेश अगले दो दिनों तक रेडियो पर प्रसारित किया जाए और उनकी ओर से जारी होने वाले ऑडियो संदेश को अगले 10 दिनों तक शाम के समाचार से पहले चलाया जाए.
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वीकेयू/डीकेपी