![]()
Patna, 28 नवंबर . जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कांग्रेस की समीक्षा बैठक में गोली मारने की धमकी दिए जाने की निंदा की. उन्होंने कांग्रेस से ऐसी धमकी देने वाले नेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि इस मामले में सच्चाई है तो फौरन कार्रवाई की जाए और अगर नहीं है तो इस खबर का खंडन किया जाए.
उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में हुई हार के बाद कांग्रेस की तरफ से बुलाई गई समीक्षा बैठक में जिस तरह का बवाल देखने को मिला है, वो निंदनीय है. इस बवाल से तो एक बात साफ हो चुकी है कि मौजूदा समय में कांग्रेस पर राष्ट्रीय जनता दल का असर है. अब कांग्रेस भी राजद की राह पकड़ रही है. कांग्रेस ने भी राजद की तर्ज पर कानून व्यवस्था की तिलांजलि देने का मन बना लिया है. समीक्षा बैठक में हुआ बवाल इसी का नतीजा है.
जदयू नेता ने कहा कि मुझे कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हुए बवाल के बारे में मीडिया के जरिए जानकारी मिली है, इसलिए मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर मीडिया की खबर में सच्चाई नहीं है तो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को सामने आकर इन खबरों का खंडन करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस बात को किसी भी कीमत पर खारिज नहीं किया जा सकता है कि देश की आजादी में कांग्रेस का योगदान अमूल्य रहा है. कांग्रेस इस देश की सबसे पुरानी पार्टी है. ऐसी स्थिति में अगर आज की तारीख में हमें कांग्रेस की समीक्षा बैठक में इस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है तो निसंदेह यह दुर्भाग्यपूर्ण है. लिहाजा, इस तरह की स्थिति को मौजूदा Political परिदृश्य में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिए हमें जो जानकारी मिली है, उसमें कहा गया है कि कांग्रेस की तरफ से यह बैठक बिहार विधानसभा चुनाव में हुई हार के संदर्भ में चर्चा के लिए ही बुलाई गई थी, लेकिन कोई सार्थक नतीजा निकलकर सामने नहीं आया.
इसके अलावा, उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि एसआईआर कोई पहली बार इस देश में नहीं हो रहा है, बल्कि इससे पहले भी हो चुका है. यह कांग्रेस के शासनकाल में भी हो चुका है, लेकिन अभी इसे लेकर पता नहीं क्यों विपक्षी दलों की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं. यह सर्वविदित है कि एसआईआर के तहत फर्जी मतदाताओं को चिह्नित कर उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुचारू हो सके. बिहार में भी एसआईआर की प्रक्रिया संपन्न हुई. हमने वहां पर इसके नतीजे देखे हैं.
–
एसएचके/डीकेपी