पश्चिम बंगाल में एसआईआर पर घमासान, टीएमसी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा चुनाव आयोग

New Delhi, 28 नवंबर . तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने Friday को पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर प्रक्रिया के विरोध में चुनाव आयोग का रुख किया. टीएमसी के 10 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल Friday को चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचा और इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई.

टीम की अगुवाई राज्यसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओ’ ब्रायन ने की. उनके साथ Lok Sabha में डिप्टी लीडर शताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी, महुआ मोइत्रा, प्रतिमा मंडल, सजदा अहमद, डोला सेन, ममता ठाकुर, साकेत गोखले और प्रकाश चिक बराइक भी मौजूद थे.

प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को एक लिखित शिकायत सौंपी. उनका आरोप है कि बंगाल में एसआईआर के नाम पर बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर लाखों मतदाताओं के नाम काटने की साजिश कर रहे हैं. खास तौर पर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों और तृणमूल समर्थक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नाम हटाए जा रहे हैं.

केंद्र Government का कहना है कि चुनाव आयोग की देखरेख में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत फर्जी मतदाताओं को चिन्हित करके उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है. संविधान के मुताबिक 18 वर्ष से अधिक उम्र के India के ही नागरिक को मतदान का अधिकार है.

केंद्र Government का दावा है कि India में बड़ी संख्या में कई अन्य देशों के भी नागरिक रह रहे हैं, जिन्होंने यहां पर खुद को भारतीय नागरिक के रूप में दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवा लिए हैं. ऐसे मतदाताओं को ही चिन्हित करने के लिए चुनाव आयोग की देखरेख में एसआईआर प्रक्रिया शुरू की गई है. अब तक कई ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें उनके देश भेजा जा चुका है.

केंद्र Government के मुताबिक, अवैध मतदाताओं में सबसे ज्यादा बांग्लादेश के लोग शामिल हैं, जो India में जीविका के लिए पहले तो अवैध तरीके से दाखिल हुए और फिर फर्जी दस्तावेज बनवाकर यहीं बस गए.

विपक्षी दलों का कहना है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा वोट काटने के मकसद से एसआईआर करा रही है ताकि मौजूदा Political स्थिति को अपने पक्ष में किया जा सके. हालांकि भाजपा लगातार विपक्ष के इन दावों को सिरे से खारिज कर रही है.

एसएचके/वीसी