असम में बहुविवाह के खिलाफ कानून की भाजपा नेताओं ने सराहना की

New Delhi, 28 नवंबर . असम विधानसभा में ‘बहुविवाह निषेध विधेयक-2025’ पारित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने सराहना की है. उन्होंने कहा कि एक से ज्यादा शादी समाज के लिए एक अभिशाप है और इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने से बातचीत में कहा कि असम ने बहुविवाह की प्रथा के खिलाफ पहल की है और वे बधाई के हकदार हैं. उन्होंने कहा, “पहली पत्नी के रहते हुए दूसरा विवाह करना ठीक नहीं है. किसी भी तरह ऐसी शादियों को समाज में मान्यता नहीं मिलनी चाहिए. असम ने इस पर पहल की है, जिसके लिए बधाई.”

उत्तर प्रदेश Government में मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा, “मेरा मानना ​​है कि असम के Chief Minister और राज्य Government ने राज्य की जनसांख्यिकीय स्थिति, स्थानीय हालात, लगातार घुसपैठ के असर और सभी संबंधित फैक्टर्स पर विचार करने के बाद ही यह फैसला लिया होगा. यह फैसला स्वागत के योग्य है.”

असम Government के ‘बहुविवाह निषेध विधेयक-2025’ विधेयक का पूर्ण समर्थन करते हुए दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “India की सनातन संस्कृति में हमारे मूल्य परिवार के कॉन्सेप्ट को बहुत साफ तौर पर बताते हैं. इसलिए, अगर आप परिवार के विचार को नहीं मानते हैं, तो यह गलत है. यह बिल असम में हमारी संस्कृति को बचाने में मदद करेगा.”

बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू ने भी असम Government के फैसले को सराहा है. जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “यह महत्वपूर्ण फैसला है और इससे सामाजिक विसंगतियों को दूर करने में मदद मिलेगी.”

बता दें कि असम विधानसभा ने Thursday को ‘बहुविवाह निषेध विधेयक-2025’ पास किया, जिससे राज्य में बहुविवाह की प्रथा को सजा वाला अपराध बनाया गया. नए कानून के तहत पहली शादी के कानूनी तौर पर चलते हुए दूसरी शादी करने पर कड़ी सजा होगी. विधेयक में दोषियों के लिए 10 साल जेल के साथ-साथ जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. हालांकि, अनुसूचित जनजातियों और संविधान के छठे शेड्यूल के तहत आने वाले इलाकों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.

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