आईआईटी बॉम्बे के नाम बदलने के प्रस्ताव का राम कदम ने किया स्वागत

Mumbai , 27 नवंबर . आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलकर आईआईटी Mumbai करने के प्रस्ताव को लेकर Maharashtra की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है. इसी बीच भाजपा विधायक राम कदम ने Chief Minister देवेंद्र फडणवीस की पहल का जोरदार स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला न सिर्फ उचित है, बल्कि Mumbai की सांस्कृतिक पहचान से भी गहराई से जुड़ा हुआ है.

राम कदम ने से बातचीत में कहा कि Mumbai का नाम मुंबा देवी से लिया गया है और इसी पहचान को सम्मान देने के लिए Chief Minister की यह पहल स्वागत योग्य है. उन्होंने दावा किया कि Mumbai के लोग भी इस सोच को स्वीकार करते हैं.

उन्होंने कहा कि आईआईटी बॉम्बे का नाम Mumbai करने की पहल सबसे पहले हमारे नेता राम नाईक ने की थी. इसलिए सीएम फडणवीस इस पर आगे बढ़ रहे हैं, तो वह मराठी और Mumbai करों के दृष्टिकोण से प्रशंसनीय कदम है.”

भाजपा विधायक ने विपक्षी दलों मनसे और यूबीटी शिवसेना पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दोनों दल जनाधार खो चुके हैं, इसलिए छोटे-छोटे मुद्दों पर भी Political विवाद खड़ा करने की कोशिश करते हैं.

राम कदम ने India को कॉमनवेल्थ गेम्स-2030 की मेजबानी मिलने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि यह सम्मान Prime Minister Narendra Modi की मजबूत नेतृत्व क्षमता और वैश्विक स्तर पर उनकी स्वीकार्यता का परिणाम है.

उन्होंने दावा किया कि आज दुनिया पीएम मोदी को विश्वगुरु के रूप में देखने लगी है.

उन्होंने कहा कि विदेशों में पीएम मोदी के पैर छूते हैं और कई देशों के प्रमुख प्रोटोकॉल तोड़कर उनसे मिलने आते हैं. यह सिर्फ Prime Minister का सम्मान नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों पर दुनिया का विश्वास है.

एसआईआर को लेकर विपक्ष की बयानबाजी पर भाजपा विधायक ने पलटवार करते हुए कहा कि Supreme court पारदर्शिता चाहता है, ऐसे में विरोध का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ Political लाभ के लिए इसे मुद्दा बना रहा है.

राम कदम ने आरोप लगाया कि विपक्ष जहां चुनाव हारता है, वहां मतदाता सूची, ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल खड़ा करता है, लेकिन जहां जीतता है, वहां सब कुछ सही बता देता है.

उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में एक ही परिवार, खासकर लालू परिवार के लोगों के नाम मतदाता सूची में कई बार पाए गए, जिसे नकारा नहीं जा सकता.

उन्होंने कहा कि एसआईआर का विरोध इसलिए किया जा रहा है ताकि चुनाव हारने के बाद लोगों के बीच इसे मुद्दे के रूप में उठाया जा सके.

भाजपा विधायक ने अंत में कहा कि कोर्ट की व्यवस्था और फैसले का सम्मान करना सभी की जिम्मेदारी है, और विपक्ष को राजनीति से ऊपर उठकर इसे स्वीकार करना चाहिए.

एएसएच/डीएससी