चेन्नई, कांचीपुरम, मुंबई और कोलकाता में 21 जगहों पर ईडी की छापेमारी

New Delhi, 27 नवंबर . Enforcement Directorate (ईडी) के चेन्नई जोनल कार्यालय ने मेसर्स आरुधरा गोल्ड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (एजीटीपीएल) और उसके निदेशकों एवं सहयोगियों द्वारा बड़े पैमाने पर पोंजी/निवेश धोखाधड़ी की जांच के तहत 26 नवंबर 2025 को चेन्नई, कांचीपुरम, Mumbai और कोलकाता में 21 जगहों पर छापेमारी की है.

ईडी ने यह जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) चेन्नई द्वारा दर्ज First Information Report के आधार पर शुरू की थी. First Information Report में आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं, अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम 2019 और आरबीआई अधिनियम 1934 के तहत अपराध दर्ज हैं.

First Information Report में आरोप है कि कंपनी ने जनता को 10% से 30% मासिक रिटर्न का वादा किया और भारी जमा राशि जुटाई. इसके अलावा मासिक भुगतान, सोने के सिक्के और 2% से 5 लाख रुपये तक के रेफरल कमीशन जैसी प्रोत्साहन राशि भी दी गई.

ईओडब्ल्यू ने एजीटीपीएल समूह की कंपनियों, निदेशकों, प्रमुख कर्मचारियों और एजेंटों समेत 40 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. Police रिकॉर्ड के अनुसार इस धोखाधड़ी से 1,04,433 लोग प्रभावित हैं और जून 2023 तक कुल 2,438 करोड़ रुपए के दावे प्रस्तुत किए गए. डिफॉल्ट राशि लगभग 1,404 करोड़ रुपए आंकी गई है. मुख्य आरोपी वी. राजशेखर पत्नी के साथ फरार है.

ईडी की जांच में पाया गया कि एजीटीपीएल और संबंधित व्यक्तियों के कई बैंक खातों में लगभग 2,000 करोड़ रुपए के क्रेडिट और डेबिट लेनदेन हुए. 10 लाख रुपए से अधिक के लगभग 1,230 लेनदेन हुए, जिनकी कुल राशि करीब 1,060 करोड़ रुपए थी. जांच से पता चला कि इनमें से अधिकांश लेनदेन व्यक्तिगत और गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किए गए और जनता के जमा धन का गलत इस्तेमाल किया गया.

तलाशी के दौरान यह भी सामने आया कि एजीटीपीएल के कुछ निदेशक नकली थे और मामूली काम कर रहे थे, लेकिन कंपनी के मामलों में शामिल नहीं थे. ईडी ने निवेश, संपत्ति और फंड लेयरिंग से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए. इसके अलावा 22 लाख रुपए नकद और 1.50 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की संपत्ति के दस्तावेज भी जब्त किए गए.

एएमटी/वीसी