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Lucknow, 27 नवंबर . BJP MP जगदंबिका पाल ने Thursday को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआई) पर विपक्ष की तरफ से उठाए जा रहे सवालों को बेबुनियाद बताया.
उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव और राहुल गांधी ने एसआईआर के विरोध में बिहार में माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इन लोगों ने बाकायदा यात्रा तक निकाली, ताकि लोगों के बीच में मतदाता सूची को लेकर प्रतिरोधात्मक माहौल तैयार किया जा सके, लेकिन अंत में क्या हुआ? यह किसी से छुपी नहीं है. बिहार में एनडीए जीत का परचम लहराने में सफल रहा.
उन्होंने कहा कि बिहार में हमारी Government बनी. प्रदेश की जनता ने एनडीए पर एक बार फिर भरोसा जताया. इससे यह साफ जाहिर होता है कि एसआईआर को लेकर विपक्ष की तरफ से बेबुनियादी सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसे मौजूदा समय में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
सांसद ने एसआईआर का फायदा गिनाते हुए कहा कि इससे फर्जी मतदाताओं को चिह्नित किया जा रहा है. सिर्फ उन्हीं मतदाताओं को मतदान का अधिकार दिया जा रहा है जो इसके लिए पात्र हैं, तो इससे विपक्ष के लोगों को क्यों आपत्ति हो रही है? आखिर हम किसी फर्जी या बांग्लादेश के मूल लोगों को India में मतदान का अधिकार कैसे दे सकते हैं? ऐसी स्थिति में अगर चुनाव आयोग की देखरेख में एसआईआर हो रहा है तो इससे किसी को क्या आपत्ति है? हमें तो इसका स्वागत करना चाहिए, लेकिन अफसोस की बात है कि विपक्ष की तरफ से इसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
भाजपा नेता ने कहा कि मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है. प्रदेश में फर्जी मतदाताओं को चिह्नित किया जा रहा है. बिना किसी का धर्म देखे उसके बारे में यह जांच की जा रही है कि क्या वो सच में India का नागरिक हैं? क्या उसके पास ऐसे वैध दस्तावेज मौजूद हैं, जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि वो India का नागरिक हैं? चुनाव आयोग की देखरेख में एसआईआर के तहत इन्हीं सब प्रक्रियाओं को संपन्न किया जा रहा है, लेकिन विपक्ष को इस पर ऐतराज है. मुझे तो Samajwadi Party के नेता अखिलेश यादव के बयान से ताज्जुब हो रहा है. वो कह रहे हैं कि मतदाता सूची की आड़ में राज्य में 3 करोड़ से भी ज्यादा मतदाताओं के नाम काटे जाएंगे. मैं एक बात अखिलेश यादव से कह देना चाहता हूं कि किसी के भी नाम नहीं काटे जाएंगे. एसआईआर के तहत सिर्फ फर्जी मतदाताओं को राज्यभर में चिह्नित किया जाएगा, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुचारू हो सके.
जगदंबिका पाल ने कहा कि बिहार में एसआईआर को लेकर किसी ने कोई शिकायत नहीं की, लेकिन सीएम ममता बनर्जी लगातार इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रही हैं, क्योंकि अब उन्हें अपनी हार का डर सता रहा है.
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एसएचके/डीकेपी