मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, विंजो के संस्थापक सौम्या सिंह और पवन नंदा गिरफ्तार

Bengaluru, 27 नवंबर . मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में Enforcement Directorate (ईडी) ने ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म विंजो के संस्थापक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा को गिरफ्तार किया है.

अधिकारियों के मुताबिक, वित्तीय नियामक के जोनल ऑफिस में पूछताछ के बाद उन्हें Bengaluru से गिरफ्तार किया गया. विंजो गेम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राठौर और नंदा को जज के सामने पेश किया गया और कोर्ट ने उन्हें एक दिन की कस्टडी में भेज दिया.

ईडी ने हाल ही में ली गई तलाशी के बाद यह कार्रवाई की है. इसके मुताबिक, कंपनी ने गेमर्स के 43 करोड़ रुपए के फंड ‘होल्ड’ कर रखे थे.

रेगुलेटर के मुताबिक, India द्वारा रियल-मनी गेमिंग पर बैन लगाने के बाद यह पैसा प्लेयर्स को वापस कर दिया जाना चाहिए.

एक बयान में, विंजो ने कहा कि हमारा फोकस अपने यूजर्स को सुरक्षित रखने और भरोसेमंद अनुभव पक्का करने पर है. यह सभी लागू कानूनों का पूरी तरह से पालन करता है.

ईडी ने पहले विंजो और ऑनलाइन गेमिंग देने वाली एक और कंपनी गेम्सक्राफ्ट के ठिकानों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलओ) के नियमों के तहत छापा मारा था.

ईडी ने पीएमएलओ, 2002 के तहत Bengaluru और गुरुग्राम में अलग-अलग जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाए.

एक अधिकारी ने कहा कि छापे में निर्देसा नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड (एनएनपीएल), गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (जीटीपीएल) के ऑफिस और इसके निदेशक और दूसरे आरोपी या संदिग्ध लोगों के घरों पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, गेम के नतीजों में हेरफेर और दूसरे आरोपों में छापेमारी शामिल थी. ईडी ने एक ऑफिशियल बयान जारी किया है.

एक अधिकारी ने कहा कि 18.57 करोड़ रुपए के बैलेंस वाले आठ बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि छापे 18 से 22 नवंबर के बीच मारे गए. उन्होंने कहा, “सर्च ऑपरेशन के दौरान, मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे आपत्तिजनक डिवाइस जब्त किए गए हैं.”

कंपनी के निदेशक व संस्थापक के ठिकानों से मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसे डिवाइस जब्त किए गए हैं, और गेम्सक्राफ्ट कंपनी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों से बहुत सारा डेटा बैकअप लिया गया है.

केंद्र Government की ओर से रियल मनी गेम्स पर बैन लगाने के बाद भी, कंपनी के एस्क्रो अकाउंट में अभी भी 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम गेमर्स और कस्टमर्स को वापस किए बिना रखी हुई है.

एसएके/डीकेपी