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Mumbai , 26 नवंबर . एनएसजी ने Mumbai आतंकी हमले 26/11 के नायकों को श्रद्धांजलि देने और शहीदों के परिवारों को सम्मानित करने के लिए ‘नेवरएवर’ का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में तमाम जवानों के साथ शहीदों के परिजन और फिल्मी हस्तियां शामिल हुईं.
कार्यक्रम में उपस्थित Maharashtra एनसीसी के एडीजी मेजर विवेक त्यागी ने कहा कि एनसीसी की ओर से हम अपने उन वीरों को याद करने के लिए एकत्रित हुए हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. समर्पण की यही भावना हम अपने कैडेट्स में भरते हैं, हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखना. यही सिद्धांत हमारे चरित्र और मिशन के मूल में है.
शहीद मेजर संदीप की मां ने से बातचीत में कहा कि मुझे हमेशा याद रहता है, 17 साल हो गए हैं. हर साल हम ताज देखने आते हैं. गेटवे ऑफ इंडिया पर भी कई कार्यक्रम होते हैं. हर साल हम आकर ताज में रुकते हैं. जिस जगह उनका देहांत हुआ था, हम वहां प्रार्थना करते हैं.
शहीद मेजर संदीप के पिता ने कहा कि अगर वे इतना कुछ कर सकते हैं, तो हम कम से कम उसका एक प्रतिशत तो कर ही सकते हैं. इसीलिए हम यहां लोगों से मिलने आते हैं. उनके साथी भी 26/11 की याद में यहां इकट्ठा होते हैं.
कार्यक्रम में शामिल Actor अदिवी शेष ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरी मां और चाचा से मुझे जो पहला वादा मिला था, वह यही था कि हमें उनकी यादों को कभी नहीं भूलना चाहिए. हम फिल्म में जो भी कर रहे हैं और जो भी रिश्ता आगे बढ़ा रहे हैं, वह उनकी यादों को जिंदा रखने के लिए है. यह बहुत जरूरी है कि हम जिन शहीदों का सम्मान कर रहे हैं, उनके नाम न भूलें.
Actress ईशा कोप्पिकर ने से बातचीत में कहा कि यह हम सभी के लिए बेहद भावुक क्षण है. सबसे पहले, मैं शहीदों के परिवारों और हमारे जीवित नायकों को सिर झुकाकर नमन करना चाहती हूं. आपने हमारे लिए जो बलिदान दिया है, वह अतुलनीय है और हम शायद कभी ऋण नहीं चुका पाएंगे. यह दिन हम कभी नहीं भूल सकते. आपने हमें सिखाया कि India कभी झुकेगा नहीं.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के चेयरमैन ने कहा कि 26 नवंबर को जो कुछ भी हुआ, वह बेहद दर्दनाक था. उस दिन Mumbai में जो कुछ हुआ, वह अकल्पनीय था और हम अपने Police बल और एनएसजी के साहस और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते. हम केवल प्रार्थना और प्रतिज्ञा कर सकते हैं कि ऐसी घटना फिर कभी न हो. मेरा परिवार, खासकर मेरी बेटी, ताज होटल में फंस गई थी. उसे सुबह लगभग 3:30 बजे एनएसजी और Police ने सुरक्षित बचा लिया, तब हमें राहत मिली. उसका आज ही के दिन जन्मदिन भी होता है. ऐसा लगा ही नहीं था कि वह बच पाएगी, लेकिन सुरक्षाबलों ने बचा लिया.
सेवानिवृत्त Mumbai Police अधिकारी ने बताया कि 26 नवंबर 2008 को मैं सहायक Police निरीक्षक के पद पर कार्यरत था और डीबी मार्ग Police स्टेशन में तैनात था. उस रात, मैं संजय गोविलकर, भास्कर कदम और अन्य के साथ रात्रि ड्यूटी पर था. रात लगभग सवा 12 बजे, हमें नियंत्रण कक्ष से एक संदेश मिला कि दो आतंकवादी गिरगांव चौपाटी की ओर बढ़ रहे हैं. हमने दो टीमें बनाई. गाड़ी साढ़े 12 बजे वहां पहुंची. हमने सरेंडर करने को कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. वे भागना चाहते थे, लेकिन भाग नहीं पाए. गाड़ी रुक गई. अबू इस्माइल गाड़ी चला रहा था और कसाब बगल में बैठा हुआ था. इस्माइल को पकड़ने गए तो उसने फायरिंग कर दी. जवाबी फायरिंग में वह मारा गया. जब कसाब को पकड़ने गए तो उसने फायरिंग कर दी, जिसमें हमारे साथी तुकाराम शहीद हो गए थे.
आईपीएस कृष्ण प्रकाश ने कहा कि हम 26/11 को नहीं, बल्कि शहीदों को याद कर रहे हैं. 26/11 हमारे लिए एक बुरा अध्याय है, जिसमें शहीदों ने शानदार विजय हासिल की थी. इस आतंकी हमले को खत्म करने में Mumbai Police, एनएसजी समेत तमाम फोर्स शामिल थीं. हम एनएसजी के साथ मिलकर सामंजस्य बनाकर तैयार हैं कि अगर ऐसी कोई घटना हुई तो हम मिलकर उसका मुकाबला कर सकें.
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एएमटी/एबीएम