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jaipur, 26 नवंबर . केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (आईटीएटी), jaipur से जुड़े अधिकारियों और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस आपराधिक नेटवर्क में आईटीएटी jaipur के एक वकील, एक ज्यूडिशियल मेंबर, एक असिस्टेंट रजिस्ट्रार के साथ-साथ अन्य Governmentी कर्मचारी और निजी लोग शामिल थे. ये लोग रिश्वत लेकर लंबित अपीलों का निर्णय अपीलकर्ताओं के पक्ष में कराने का काम करते थे.
यह मामला सीबीआई ने 25 नवंबर को दर्ज किया. इसमें आरोपी वकील और आईटीएटी jaipur के सदस्य तथा असिस्टेंट रजिस्ट्रार समेत अन्य व्यक्तियों को नामजद किया गया है.
आईटीएटी jaipur के एक वकील को अभियान के दौरान 25 नवंबर को 1.5 लाख रुपए की रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया. यह रकम अपीलकर्ता की ओर से दी गई थी, जिसने पहले 5.5 लाख रुपए हवाला नेटवर्क के माध्यम से मुहैया कराए थे.
सीबीआई ने इसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए 26 नवंबर को आईटीएटी jaipur की एक ज्यूडिशियल मेंबर को गिरफ्तार किया. उनकी आधिकारिक कार से 30 लाख रुपए नकद बरामद किए गए. इसी दिन अपीलकर्ता को भी हिरासत में ले लिया गया.
सीबीआई की कई टीमों ने jaipur, कोटा और अन्य स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान 1 करोड़ रुपए से अधिक नकद, कई संदिग्ध लेनदेन के दस्तावेज, प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए.
इससे पहले, सीबीआई ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) विजयवाड़ा के दो अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों में रेवेन्यू रिकवरी ऑफिसर (आरआरओ) और सोशल सिक्योरिटी ऑफिसर (एसएसओ) का नाम शामिल है. दोनों ने एक शख्स से 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी.
सीबीआई के मुताबिक, मामला 2020 का है. शिकायतकर्ता ने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के टेंडर में हिस्सा लेने के लिए प्रोप्राइटरशिप फर्म शुरू की थी और ईएसआईसी में रजिस्टर भी कराया था.
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एएसएच/एबीएम