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बाराबंकी, 26 नवंबर . मौलाना अरशद मदनी के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने मौलाना अरशद मदनी से सवाल पूछा है कि उन्होंने अपने संगठन में कितने पिछड़े मुसलमानों को जगह दी है.
वसीम राईन ने से बातचीत में कहा कि मौलाना अरशद मदनी लंदन और अमेरिका की तारीफ कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि वहां मेयर बन सकते हैं लेकिन हिंदुस्तान में नहीं. एक बात तो सच है कि हिंदुस्तान में Political पार्टियां मुसलमानों को हिस्सेदारी नहीं दे रही हैं. खासकर पसमांदा और ओबीसी मुसलमानों को हिस्सेदारी नहीं मिल रही है.
उन्होंने कहा कि मैं सवाल मौलाना अरशद मदनी से पूछ रहा हूं कि उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद में या देवबंद में किसी पसमांदा दलित मुसलमान को नाजिम बनने का मौका कभी क्यों नहीं दिया? इस्लाम में बराबरी की बात है तो वे खुद बराबरी क्यों नहीं कर रहे हैं.
वसीम राईन ने कहा कि हिंदुस्तान में दलित President बन चुका है. इस वक्त भी देश में दलित आदिवासी President हैं. दलित सीएम भी बन चुके हैं, लेकिन पिछड़े मुसलमानों को कब मौका मिलेगा कि वे जमीयत उलेमा-ए-हिंद या देवबंद में किसी पद पर रहेंगे?
उन्होंने कहा कि मौलाना अरशद मदनी अपने यहां बराबरी नहीं कर पा रहे हैं और हिंदुस्तान में रहकर दूसरे देशों की तारीफ कर रहे हैं. वे खुद कुछ नहीं कर रहे हैं, सिर्फ आरोप लगा रहे हैं. भाजपा की Government ने दलित और आदिवासी को President बनाया है. यह पिछड़े मुसलमान कब बनाए जाएंगे?
उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमानों को हिस्सेदारी देने में कोताही बरती गई है. हम मांग करते हैं कि हमारी आबादी मुसलमानों में 85 फीसदी है. इन्हें आबादी के हिसाब से हक मिलना चाहिए.
एक कार्यक्रम में मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि दुनिया सोचती है कि मुसलमान लाचार, खत्म और बंजर हो गए हैं. मैं ऐसा नहीं मानता. आज एक मुसलमान ममदानी न्यूयॉर्क का मेयर बन सकता है, एक खान लंदन का मेयर बन सकता है, जबकि India में कोई विश्वविद्यालय का कुलपति भी नहीं बन सकता और अगर कोई बन भी जाए तो उसे आजम खान की तरह जेल भेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज अल-फलाह में क्या हो रहा है? Government लगातार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि मुसलमान कभी सिर न उठाएं.
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एएमटी/वीसी