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New Delhi, 26 नवंबर . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, India को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए समय पर सिस्टम का मॉडर्नाइजेशन और प्रक्रियाओं को सरल बनाना होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि आज का समय गवर्नेंस का है और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के सिद्धांतों को गवर्नेंस को आसान और ट्रांसपेरेंट बनाने का काम करना चाहिए. साथ ही इन सिद्धांतों का फोकस फैसिलिटेशन पर होना चाहिए.
वित्त मंत्री ने रीजनल डायरेक्टरेट और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की रिव्यू मीटिंग में कहा, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को भविष्य-उन्मुख बनाना चाहिए ताकि स्टेकहोल्डर्स को टाइम-बाउंड तरीके से सर्विस दी जा सके.”
इस रिव्यू मीटिंग में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, एमसीए के सेक्रेटरी और सीनियर अधिकारी मौजूद थे.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय बदलते समय के साथ कानूनों और नियमों में जरूरी बदलाव किए हैं. उन्होंने कहा कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड रिफॉर्म-ड्रिवन लॉ का ही एक उदाहरण है. बदलते India की जरूरतों के प्रति सिस्टम जिम्मेदार हों, इसके लिए इस तरह के बदलाव जरूरी होते हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय कॉर्पोरेट गवर्नेंस ने नागरिकों को ट्रांसपेरेंट वित्तीय जानकारियां उपलब्ध करवाने के साथ उनका विश्वास जीतने का काम किया है.
वित्त मंत्री ने कंपनियों को गाइड और रेगुलेट करने के क्रम में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की भूमिका के महत्व पर भी जोर दिया.
रिव्यू मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री ने एमसीए को निर्देश दिया कि एमसीए में सिस्टम को लेकर अधिक ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड बनाया जा सकता है.
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि एमसीए को मैक्सिमम गवर्नेंस और मिनिमम गवर्मेंट का मोटो फॉलो करना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्टेकहोल्डर्स के साथ समय-समय पर बातचीत से उनके मुद्दों को समय पर सुलझाने में मदद मिलेगी.
एमसीए के सेक्रेटरी ने कहा कि एमसीए की ओर से एनफोर्समेंट पर मैनुअल को स्टैंडर्डाइज कर दिया गया है. इसके अलावा, सर्विस को ट्रांसपेरेंट बनाने के साथ समय पर डिलीवरी के लिए आगे की प्रक्रियाओं और नियमों को आसान बनाने पर पहले से ही काम चल रहा है.
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एसकेटी/