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New Delhi, 25 नवंबर . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Tuesday को New Delhi में क्षेत्रीय निदेशालयों और कंपनी रजिस्ट्रार की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) में केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और एमसीए के सचिव व एमसीए के अधीन सभी अधीनस्थ कार्यालय भी उपस्थित थे.
समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने निर्देश दिया कि एमसीए की प्रणालियों में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड बनाया जा सकता है. 2047 तक India को Prime Minister Narendra Modi की परिकल्पना के अनुसार एक विकसित देश बनना होगा. यह लक्ष्य तभी साकार हो सकता है, जब प्रणालियों और प्रक्रियाओं का समय पर आधुनिकीकरण हो.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि आज शासन का युग है, और इसलिए एमसीए का मुख्य सिद्धांत शासन को आसान, पारदर्शी और सुविधा पर केंद्रित होना चाहिए. एमसीए को समयबद्ध तरीके से हितधारकों की सेवा करने में सक्षम होने के लिए भविष्योन्मुखी होने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए उद्योग मंत्रालय ने अधिनियम और नियमों में लगातार एवं आवश्यक संशोधन किए हैं.
सीतारमण ने पारदर्शी वित्तीय जानकारी प्रदान करके नागरिकों का विश्वास जीतने के लिए भारतीय कॉर्पोरेट प्रशासन को श्रेय दिया.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कंपनियों के मार्गदर्शन और विनियमन में उद्योग मंत्रालय की भूमिका के महत्व पर जोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी प्रशासनिक संरचनाएं सुप्रबंधित हों. उन्होंने उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों से हितधारकों तक कानूनी आवश्यकताओं को पहुंचाने के प्रभावी तरीके खोजने का आह्वान किया और (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) ईओडीबी को बेहतर बनाने के उपाय सुझाने के लिए नियमित रूप से आंतरिक चर्चाएं आयोजित करने का भी सुझाव दिया.
बातचीत के दौरान हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि एमसीए को Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में अधिकतम शासन और न्यूनतम Government के आदर्श वाक्य का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एमसीए को लोगों पर अनुपालन के बोझ को कम करने और फॉर्मों को युक्तिसंगत बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि हितधारकों के साथ लगातार बातचीत से समय पर मुद्दों का समाधान करने में मदद मिलेगी.
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एमएस/डीकेपी