विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस 2025 : आपका एक छोटा कदम, धरती के लिए बड़ी राहत

New Delhi, 25 नवंबर . हर साल 26 नवंबर को ‘विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस’ मनाया जाता है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि प्रकृति हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और उसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है. आसमान, पानी, जंगल और मिट्टी सब सिर्फ संसाधन नहीं, बल्कि हमारे जीवन का आधार हैं. यह दिन हम सबको एक मौका देता है कि हम रुककर सोचें कि क्या हम धरती को बचाने के लिए अपना हिस्सा निभा रहे हैं?

आज की दुनिया में पर्यावरण का मुद्दा सिर्फ किताबों या भाषणों तक सीमित नहीं रहा. यह एक वास्तविक चुनौती बन चुका है. तेजी से कटते जंगल, बढ़ते प्रदूषण के स्तर, बदलते मौसम की मार और ग्लोबल वार्मिंग जैसे गंभीर खतरे हमारे सामने खड़े हैं. ऐसे समय में पर्यावरण का संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी बन गई है.

पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाने का मकसद लोगों में जागरूकता बढ़ाना है. जागरूकता इसलिए जरूरी है क्योंकि बदलाव की शुरुआत आम लोगों से होती है. चाहे वह एक पेड़ लगाना हो, प्लास्टिक का कम उपयोग करना हो, पानी बचाना हो या घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखना हो, इन छोटे-छोटे कदमों से बड़ा असर पैदा होता है.

हमारे स्कूल, कॉलेज और कई सामाजिक संगठन इस दिन तरह-तरह के कार्यक्रम करते हैं. कहीं पेड़ लगाए जाते हैं, कहीं सफाई अभियान चलता है, तो कहीं पर्यावरण पर भाषण और चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं. इन गतिविधियों का उद्देश्य यही होता है कि बच्चे, युवा और आम नागरिक समझें कि पर्यावरण की सुरक्षा हमारे कल की सुरक्षा है.

प्रकृति ने हमें बिना मांगे बहुत कुछ दिया है. साफ हवा, मीठा पानी, भोजन, दवाइयां और मौसम सब कुछ प्रकृति की भेंट है, लेकिन हम उसके बदले में क्या देते हैं? प्रदूषण, कचरा और लापरवाही. इसलिए विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया जाता है, ताकि हमें इसकी अहमियत समझाई जा सके.

पर्यावरण बचाने के लिए करोड़ों रुपए की जरूरत नहीं, बल्कि सही सोच और जिम्मेदारी की जरूरत है. अगर हम घर में पानी बचाना, बिजली का सीमित उपयोग, पौधे लगाना, प्लास्टिक से दूरी बनाना और कचरे को अलग-अलग करके फेंकना जैसे कदम उठाते हैं तो बड़े बदलाव हो सकते हैं.

पीआईएम/एबीएम