छह सौ साल से भी पुराना है दक्षिण भारत का यह नारायण मंदिर, जमीन पर नहीं पड़ती आठ हिस्सों में बने शिखर की परछाईं

मदुरै, 25 नवंबर . India के कोने-कोने में ऐसे मंदिर हैं, जिनकी खूबसूरती, चमत्कार और बनावट हैरत में डालते हैं. ऐसा ही नारायण का मंदिर दक्षिण India के मदुरै में है.

तमिलनाडु के मदुरै शहर में बसा कूडल अझगर मंदिर कोई साधारण नहीं, बल्कि एक वास्तुशिल्प चमत्कार है. छह सदी से भी अधिक पुराना यह विष्णु मंदिर 108 दिव्य देशमों में से एक है, जहां नारायण ‘कूडल अझगर’ (सुंदर सर्पशय्या पर विराजमान) रूप में दर्शन देते हैं. मंदिर की खासियत रहस्यमयी अष्टांग विमान आठ हिस्सों वाला शिखर है, जिसकी परछाईं दोपहर के समय भी धरती को स्पर्श नहीं करती है.

तमिलनाडु पर्यटन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है. ग्रेनाइट की ऊंची दीवारों से घिरा नारायण का यह मंदिर पांड्य राजाओं के समय का है. बाद में विजयनगर साम्राज्य और मदुरै नायक शासकों ने इसके वैभव में चार चांद लगाए. पांच मंजिला राजगोपुरम है, जहां प्रवेश करते ही भव्य नक्काशी, दशावतार, ऋषि-मुनि, लक्ष्मी-नरसिंह, लक्ष्मी-नारायण और नारायणमूर्ति की आकृतियों के दर्शन होते हैं. नवग्रह भी मंडप में विराजमान हैं.

मंदिर के बारे में अनेक कथाएं प्रचलित हैं. किंवदंती है कि राक्षस सोमका ने ब्रह्माजी से चारों वेद चुरा लिए थे, तब भगवान विष्णु ने यहीं कूडल अझगर रूप में अवतार लिया और राक्षस का वध कर वेद लौटाए.

ब्रह्मांड पुराण में भी इस कथा का उल्लेख मिलता है. बारह अलवार संतों में से एक पेरियालवार (विष्णुचित्त) ने पांड्य राजा के दरबार में भगवान की महिमा का ऐसा गुणगान किया कि स्वयं कूडल अझगर प्रकट हुए और आशीर्वाद दिया. यह स्थान वैष्णव संप्रदाय के लिए खास महत्व रखता है.

मंदिर परिसर में मधुरवल्ली थायर (लक्ष्मी जी) का अलग मंदिर, श्रीराम, श्रीकृष्ण और अन्य देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर हैं. दीवारों पर प्राचीन तमिल काव्यों सिलप्पादिकारम, परिपदल, मदुरै कांची और कलिथथोकई में वर्णित शिलालेख हैं, जिससे मंदिर के बारे में जानकारी मिलती है. 16वीं सदी में बना ध्वजस्तंभ मंडप और 1920 में हुआ जीर्णोद्धार मंदिर की खूबसूरती को दिखाता है. यह मंदिर तमिलनाडु Government के हिंदू धार्मिक एवं बंदोबस्ती बोर्ड के अधीन है.

कूडल अझगर मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. यह मदुरै बस स्टैंड से 1 किमी दूर है, मदुरै एयरपोर्ट से 14 किमी दूर है. वहीं, मदुरै रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 1 किमी है.

एमटी/एबीएम