बिहार कृषि विश्वविद्यालय को इनक्यूबेशन रैंकिंग में मिला दूसरा स्थान, नवाचार में बड़ी उपलब्धि

भागलपुर, 25 नवंबर . बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने नवाचार, उद्यमिता और तकनीकी प्रगति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज करते हुए बिहार के सभी इनक्यूबेशन सेंटरों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. यह रैंकिंग दिसंबर 2024 से मई 2025 तक की छह महीने की औसत अंक प्रणाली पर आधारित है, जिसकी आधिकारिक घोषणा 24 नवंबर को विकास भवन, Patna में की गई.

इस उपलब्धि ने राज्य में कृषि-आधारित स्टार्टअप्स के क्षेत्र में बीएयू सबौर की विश्वसनीयता और प्रभाव को और मजबूत किया है.

कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय बताते हुए कहा कि यह परिणाम न केवल संस्थान की कार्यप्रणाली की गुणवत्ता को दर्शाता है, बल्कि ग्रामीण उद्यमिता को सशक्त बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है.

उन्होंने कहा कि बीएयू की इनक्यूबेशन प्रक्रिया न केवल नवाचारकारी विचारों को समर्थन देती है, बल्कि उन्हें जमीन पर उतारने के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन, संसाधन और नेटवर्किंग सुविधाएं भी उपलब्ध कराती है.

अनुसंधान निदेशक ने कहा कि विश्वविद्यालय की इनक्यूबेशन प्रणाली का सबसे बड़ा आधार इसकी तकनीकी कठोरता और अनुसंधान-आधारित दृष्टिकोण है. स्टार्टअप्स को केवल आइडिया के स्तर पर सहायता नहीं दी जाती, बल्कि उनकी वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप व्यावहारिक प्रशिक्षण, तकनीकी परामर्श, बिजनेस मॉडलिंग और बाजार से जुड़ाव जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं. उनके अनुसार, विश्वविद्यालय का लक्ष्य ऐसे कृषि-उद्यमियों को तैयार करना है जो न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना सकें.

62.7 अंकों का औसत स्कोर प्राप्त कर बीएयू सबौर ने कई अनुभवी और प्रतिष्ठित इनक्यूबेशन सेंटरों को पीछे छोड़ दिया. यह स्कोर विश्वविद्यालय की प्रभावी नेतृत्व क्षमता, टेक्नोलॉजी-ड्रिवन कार्यप्रणाली और टीम की दक्षता का संकेत है. इस सफलता में नोडल ऑफिसर डॉ. ए. के. सिंह, फैकल्टी इंचार्ज डॉ. कीर्ति, तथा इनक्यूबेशन इकाई से जुड़े अन्य विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिन्होंने लगातार नवाचार को प्रोत्साहित किया और स्टार्टअप्स को विकास की राह पर आगे बढ़ाया.

पीआईएम/एबीएम