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New Delhi, 25 नवंबर . यूरोपीय यूनियन की सबसे बड़ी कोर्ट ने सेम-सेक्स मैरिज को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए पोलैंड को फटकार लगाई है. कोर्ट ने ये भी कहा कि सभी सदस्य देशों को इस तरह की शादी को मान्यता देनी चाहिए.
कोर्ट ने Tuesday को कहा कि पोलैंड ने जोड़े की शादी को मान्यता न देकर गलती की. जोड़े से कहा गया था कि पोलिश कानून सेम-सेक्स मैरिज की इजाजत नहीं दे सकता. कपल ने जर्मनी में एक दूजे का हाथ थामा था और पोलैंड आकर अपनी शादी को रजिस्टर कराना चाहता था.
ईयू कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कहा, “यह न केवल आने-जाने और रहने की आजादी का उल्लंघन है, बल्कि निजी और पारिवारिक जीवन के सम्मान के मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन है.”
कैथोलिक बहुल पोलैंड में, एलजीबीटी+ बराबरी के अधिकारों की लड़ाई लंबे समय से चल रही है, लेकिन वर्षों से उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है. हालांकि, मौजूदा Government सेम-सेक्स यूनियनों सहित सिविल पार्टनरशिप को नियंत्रित करने के लिए एक बिल पर काम कर रही है.
पोलैंड स्थित मीडिया आउटलेट टीवीपी वर्ल्ड न्यूज के अनुसार यूरोपियन कोर्ट ने यह फैसला एक पोलिश कोर्ट के अनुरोध पर दिया. दरअसल, दो पुरुषों के विवाह की रजिस्ट्री नहीं की गई थी और जर्मन मैरिज सर्टिफिकेट को ट्रांसक्राइब करने से इनकार कर दिया गया था.
2018 में बर्लिन में शादी करने वाले इस कपल की पहचान इस केस में सिर्फ उनके नाम के पहले अक्षर से हुई है. कपल के वकील ने इस फैसले पर कमेंट करने से मना कर दिया.
कोर्ट ने कहा कि ईयू नागरिकों को दूसरे सदस्य देशों में जाने और अपने देश लौटने पर “एक नॉर्मल फैमिली लाइफ” जीने की आजादी दी जानी चाहिए. फैसले में कहा गया, “जब वे किसी होस्ट सदस्य देश में फैमिली बनाते हैं, खासकर शादी की वजह से, तो उन्हें अपने देश लौटने पर उस फैमिली लाइफ को जारी रखने का भरोसा होना चाहिए.”
कोर्ट ने कहा कि इसके लिए सदस्य देशों को अपने राष्ट्रीय कानूनों में सेम जेंडर के बीच शादी की इजाजत देने की जरूरत नहीं है. लेकिन विदेशी शादियों को मान्यता देने के तरीके में सेम-सेक्स कपल्स के साथ भेदभाव करने की भी इजाजत नहीं है.
पोलैंड के Prime Minister, डोनाल्ड टस्क, और उनकी यूरोप समर्थक गठबंधन Government का सेम-सेक्स यूनियन पर बिल पास कराने का काम उनके कंजर्वेटिव गठबंधन दल के विरोध की वजह से रुक गया है.
पोलैंड के President, करोल नॉवरोकी ने भी कहा है कि वह “किसी भी ऐसे बिल को वीटो करेंगे जो शादी के संवैधानिक रूप से सुरक्षित स्टेटस को कमजोर करेगा.”
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केआर/