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New Delhi, 25 नवंबर . India और यूनाइटेड किंगडम की सेनाएं संयुक्त युद्धाभ्यास ‘अजेय वारियर’ को अंजाम दे रही हैं. इस दौरान दोनों सेनाओं ने आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का अभ्यास किया है. इस अभियान में India और यूके के जवान हेलीकॉप्टर की सहायता से आतंकवादियों के ठिकानों पर पहुंचे, उन पर हमला किया और आतंकी ठिकाने नष्ट करके सुरक्षित वापस निकल आए.
भारतीय सेना के मुताबिक, Rajasthan के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में ‘अजेय वॉरियर’ भारत-यूके संयुक्त सैन्य अभ्यास चल रहा है. यहां यह युद्धाभ्यास लगातार उच्च पेशेवर तीव्रता के साथ आगे बढ़ रहा है. इसमें भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट और ब्रिटिश सेना की टुकड़ियां शामिल हैं. दोनों सेनाएं संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत संचालन क्षमता और इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने के उद्देश्य से विविध और अत्यंत मांगपूर्ण सैन्य गतिविधियों में भाग ले रही हैं. अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने विभिन्न फायरिंग प्रैक्टिस, रिफ्लेक्स शूटिंग, रॉकेट लॉन्चर फायरिंग, स्नाइपर एवं एमएमजी ड्रिल्स जैसी उन्नत युद्धक प्रक्रियाओं का अभ्यास किया.
यहां हालात वास्तविक युद्ध की परिस्थितियों की तर्ज पर तैयार किए गए हैं. ऐसी स्थिति ने सैनिकों की निर्णय क्षमता और प्रतिक्रिया कौशल को और अधिक धारदार बनाया है. संयुक्त सत्रों में आईडी को निष्क्रिय करना, विभिन्न सेनाओं द्वारा अपनाई जाने वाली टेक्नीक और प्रोसीजर और समकालीन परिचालन चुनौतियों पर आधारित केस स्टडी शामिल रहे. इससे दोनों सेनाओं के बीच ज्ञान-साझेदारी और सामरिक समझ में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. शहरी और अर्ध-शहरी युद्धक प्रशिक्षण में हाउस एवं रूम इंटरवेंशन, काफिला सुरक्षा, रोड ओपनिंग गश्त जैसी जटिल ड्रिल्स के दौरान दोनों सेनाओं ने समन्वित, सटीक और अनुशासित कार्रवाई का प्रदर्शन किया.
इसके साथ ही लाइट हेलीकॉप्टर और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों से स्लिदरिंग तथा स्मॉल-टीम हेलिबॉर्न ऑपरेशंस किए गए. इनके तहत आतंकवाद-रोधी अभियानों में आवश्यक तेजी से प्रवेश करके घुसने और सुरक्षित निकासी की सैन्य क्षमताओं को मजबूत किया गया. सेना के मुताबिक दैनिक दिनचर्या में योग, फिजिकल ट्रेनिंग, बैटल ऑब्स्टेकल कोर्स, तथा युद्ध भार के साथ 5 और 10 मील की दौड़ शामिल रही. इन अभ्यासों से सैनिकों की शारीरिक क्षमता, मानसिक दृढ़ता और टीम भावना में और निखार आया. अभ्यास स्थल पर दोनों सेनाओं के हथियारों और नई पीढ़ी के सैन्य उपकरणों का संयुक्त प्रदर्शन भी किया गया.
सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मित्रता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. टग ऑफ वार, वॉलीबॉल और विशेष रूप से एक मैत्रीपूर्ण क्रिकेट मैच में सैनिकों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया. इसके अतिरिक्त बीकानेर की सांस्कृतिक यात्रा ने ब्रिटिश सैनिकों को Rajasthan की समृद्ध विरासत, कला और मेहमाननवाजी से परिचित कराया. जैसे-जैसे अजेय वॉरियर आगे बढ़ रहा है, यह अभ्यास अपने प्रमुख उद्देश्यों को मजबूती से पूरा कर रहा है. यह India और यूनाइटेड किंगडम के बीच रक्षा सहयोग और वैश्विक शांति व स्थिरता में योगदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है.
वहीं, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में Tuesday को ही India और नेपाल की सेनाओं के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ प्रारंभ हुआ. यह अभ्यास 25 नवंबर से 8 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा. अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संचालनात्मक तालमेल बढ़ाना है. इसमें पर्वतीय क्षेत्रों में जंगल युद्धक तकनीक और काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशंस पर विशेष ध्यान दिया गया है. दोनों सेनाएं आधुनिक तकनीकों के एकीकरण, पारस्परिक इंटरऑपरेबिलिटी और श्रेष्ठ प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान पर फोकस कर रही हैं.
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जीसीबी/डीकेपी