![]()
New Delhi, 25 नवंबर . तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 9 से 14 दिसंबर तक स्कवैश विश्व कप का आयोजन होना है. स्कवैश वैश्विक स्तर पर एक लोकप्रिय खेल हैं और India में भी इसकी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ रही है. लगातार दूसरी बार चेन्नई में स्कवैश विश्व कप का आयोजन देश में इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता का ही प्रमाण है.
स्कवैश मूल रूप से इंग्लैंड का खेल है. India इंग्लैंड का उपनिवेश रहा है. इस वजह से स्कवैश की जड़े India में भी गहरी हैं. स्कवैश की India में शुरुआत 19वीं शताब्दी के अंत में हुई थी. 1882 में बॉम्बे जिमखाना क्लब में पहला कोर्ट बनाया गया था, जब एक रैकेट्स कोर्ट को स्कवैश में परिवर्तित किया गया. ब्रिटिश सेना ने प्रथम विश्व युद्ध से पहले इस खेल को India में लोकप्रिय बनाया. ब्रिटिश अधिकारियों ने कई कोर्ट बनवाए. स्वतंत्रता के बाद, 1947 में स्कवैश रैकेट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना हुई, जो देश में इस खेल का संचालन करती है.
1970-80 के दशक से देश में स्कवैश को पेशेवर तरीके से खेला जाने लगा. 1993 में इंडियन स्क्वैश प्रोफेशनल्स ने पहला पेशेवर टूर्नामेंट आयोजित किया. बंद कोर्ट में खेला जाने वाला स्कवैश हाल के वर्षों में तेजी से देश में एक मुख्य खेल के रूप में विकसित हुआ है. भारतीय खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए इस खेल को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. Government ने भी आर्थिक तौर पर संसाधनों की सहायता कर खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है.
मौजूदा समय में स्कवैश देश के सबसे तेजी से उभरते खेलों में एक है. उम्मीद है कि भारतीय स्कवैश टीम 2028 के ओलंपिक में हिस्सा लेगी.
स्कवैश रैकेट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसआरएफआई) राष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रतियोगिताओं आयोजित करती है जिससे युवा प्रतिभाओं को अपनी क्षमता दिखाने का अवसर मिलता है.
India में स्कवैश का अगला विश्व कप चेन्नई में आयोजित किया जा रहा है. इसमें पांच महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करने वाले देश शामिल हो रहे हैं. इससे इस खेल में नई क्रांति आएगी. चेन्नई लगातार दूसरी बार विश्व कप का आयोजन कर रहा है.
दीपिका पल्लीकल भारतीय स्कवैश का बड़ा चेहरा रही हैं. इस खेल को लोकप्रिय बनाने में उनका अहम योगदान रहा है. दीपिका विश्व चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में डबल्स और मिक्स डबल्स में गोल्ड जीत चुकी हैं. मौजूदा समय में इस खेल में India मजबूती से वैश्विक ताकत के रूप में उभर रहा है. इसमें अभय सिंह, वी सेन्थिलकुमार, अनाहत सिंह, जोशना चिनप्पा जैसे खिलाड़ियों की बड़ी भूमिका रही है. ये सभी आगामी विश्व कप में India की बड़ी उम्मीद हैं. ओलंपिक में भी इन्हीं खिलाड़ियों की बदौलत India को प्रतिनिधित्व मिल सकता है.
–
पीएके