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Patna, 25 नवंबर . जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता राजीव रंजन ने Tuesday को अयोध्या में ध्वजारोहण कार्यक्रम पर विपक्ष की तरफ से सवाल उठाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि विपक्ष की तरफ से इस तरह से किसी भी धार्मिक कार्यक्रम को लेकर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. यह ध्वजारोहण कार्यक्रम विशुद्ध रूप से धार्मिक है. इसे किसी भी कीमत पर Political नहीं बनाया जाए. लेकिन, जिस तरह से विपक्षी दलों के नेताओं ने इस कार्यक्रम का न्योता ठुकराकर और इसमें शामिल नहीं होने को लेकर अपनी मानसिकता का परिचय दिया है, वो पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता राजीव रंजन ने पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी की तरफ से मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सवाल उठाए जाने को लेकर आपत्ति जताई. उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी को यह बात अच्छे से पता है कि जिस दिन पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी, उस दिन उनके लिए सत्ता में वापसी करना मुश्किल हो जाएगा, इसलिए वो लगातार मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि बिहार में भी सफलतापूर्वक मतदाता सूची की प्रक्रिया को संपन्न किया गया है. अब उसी प्रक्रिया को पश्चिम बंगाल में भी शुरू किया जा रहा है. इसके अलावा, देश के 12 राज्यों सहित आठ केंद्र शासित प्रदेशों में भी इस प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है, तो फिर पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची की प्रक्रिया के शुरू होने पर ममता बनर्जी को क्या आपत्ति हो रही है? मतदाता सूची प्रक्रिया का मुख्य ध्येय फर्जी मतदाताओं को चिन्हित कर उनका नाम मतदाता सूची से हटाना है, ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह से सुचारू हो सके.
वहीं, जदयू नेता ने राम मंदिर से संबंधित सभी कार्यक्रम को ब्रांडिंग और मार्केटिंग से जोड़ने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि मुझे तो इस बात को लेकर हैरानी हो रही है कि भला कोई इस तरह का बयान कैसे दे सकता है? राम मंदिर का निर्माण दशकों के संघर्ष के बाद हुआ है. Prime Minister Narendra Modi के दृढ़ निश्चय की वजह से राम मंदिर का निर्माण संपन्न हुआ है. लेकिन, इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में इस तरह की खामी निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है.
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एसएचके/एएस