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सोल, 25 नवंबर . केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने Tuesday को 2047 तक India के दुनिया के टॉप 6 शिपबिल्डिंग देशों में शामिल होने के लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि India अपनी शिपबिल्डिंग क्षमताओं को बढ़ाने और मैरीटाइम सिक्योरिटी को मजबूत करने में साउथ कोरिया को एक मजबूत पार्टनर के रूप में देखता है.
योनहाप न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में, Union Minister सोनोवाल ने कहा कि देश 2047 तक विकसित India बनने की राह पर अग्रसर है और साउथ कोरिया का तेज आर्थिक बदलाव India के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय बन सकता है. India का उद्देश्य आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर एक विकसित राष्ट्र बनना है.
मैरीटाइम उद्देश्यों के साथ India 2030 तक दुनिया के टॉप 10 शिपबिल्डिंग राष्ट्रों में शामिल होना चाहता है और 2047 तक अपनी जगह दुनिया के टॉप 5 देशों में बनाना चाहता है. Government आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ते हुए अपने कमर्शियल फ्लीट को 1500 से बढ़ाकर 2500 करना चाहती है और साथ ही पहल में 24 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना पर काम कर रही है.
योनआप रिपोर्ट के अनुसार, Union Minister ने कहा कि साउथ कोरिया की एडवांस्ड शिपबिल्डिंग टेक्नोलॉजी और भरोसेमंद और हाई-क्वालिटी स्पेसिफिकेशन के साथ बिल्डिंग कोरिया को India का एक महत्वपूर्ण पार्टनर बनाती है.
उन्होंने कहा कि कोरिया की सफलता दिखाती है कि कैसे टारगेटेड इंसेंटिव, Government-इंडस्ट्री-एकेडेमिया के टाय-अप से लगातार इनोवेशन से क्षमताओं को तेजी से बढ़ाया जा सकता है.
इस वर्ष जुलाई में एचडी हुंडई ने शिपबिल्डिंग में सहयोग बढ़ाने के लिए India की Governmentी कंपनी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के साथ एक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं. इसी के साथ यह पहली बार है जब कोई साउथ कोरिया की शिपबिल्डर ने भारतीय कंपनी के साथ इस तरह की पार्टनरशिप की है.
इस पर Union Minister सोनोवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच शिपबिल्डिंग कोऑपरेशन से दोनों पक्षों को लाभ होगा.
Union Minister सोनोवाल के अनुसार, “India के लिए कोरिया एक स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर और कैपेबिलिटी पार्टनर हो सकता है, जो देश को कटिंग-एज शिप डिजाइन, प्रोडक्शन प्रॉसेस, ऑटोमेशन, ग्रीन शिप टेक्नोलॉजी और ग्लोबल क्वालिटी स्टैडंर्ड को अपनाने में मदद करेगा.”
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एसकेटी/