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New Delhi, 24 नवंबर . Supreme court में लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर Monday को फिर से सुनवाई टल गई है. अब अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी.
वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो की ओर से दायर इस याचिका में उनकी नजरबंदी की वैधता और अधिकारियों की ओर से अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे.
केन्द्र Government की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि केन्द्र के जवाब पर याचिकाकर्ता की तरफ से जवाब दाखिल हो चुका है. कल ही जवाब दाखिल हुआ है.
गीतांजलि अंगमो ने अर्जी दाखिल कर एनएसए के तहत सोनम वांगचुक की हिरासत को अवैध बताते हुए रिहाई की मांग की है.
पिछली सुनवाई के बाद लेह के जिलाधिकारी ने Supreme court में हलफनामा दाखिल कर बताया है कि सोनम वांगचुक ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं जो देश की सुरक्षा, पब्लिक ऑर्डर और समाज की रूढ़ि सेवाओं के लिए नुकसानदायक हैं.
गीतांजलि अंगमो ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि India के सॉलिसिटर जनरल ने सोनम वांगचुक के मामले में कल हमारे द्वारा दायर किए गए प्रत्युत्तर को पढ़ने और उस पर प्रतिक्रिया देने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा है. अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी.
उन्होंने कहा कि 29 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में संशोधन के हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया ताकि एक सप्ताह के भीतर नजरबंदी के आधार को चुनौती देने की बात शामिल की जा सके. 3 नवंबर को हमने 5 दिनों के भीतर संशोधन दायर किया. 17 नवंबर को India संघ ने 3 नवंबर से दिए गए 10 दिनों के बजाय प्रतिवाद दायर करने में 14 दिन का समय लिया. 23 नवंबर को हमने 6 दिनों के भीतर प्रत्युत्तर दायर किया, जिसके लिए हमें 7 दिन का समय दिया गया था.
सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था. इसके बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए और नागरिक अधिकार समूहों ने भी इसकी आलोचना की. उन्होंने वांगचुक की हिरासत को मनमाना और अनुचित बताया.
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एमएस/डीएससी