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कोलकाता, 24 नवंबर . एसआईआर को लेकर चल रही राजनीति के बीच टीएमसी ने एक बड़ी बैठक की है. इस बैठक में टीएमसी के सांसद और विधायकों समेत करीब 24,000 पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए.
बैठक में टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि एसआईआर का मुद्दा कानूनी तौर पर है और वे इसे उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को वह संसद सत्र में भी उठाएंगे. उन्होंने कहा कि टीएमसी पिछली बार भी चाहती थी कि इस पर चर्चा हो लेकिन भाजपा ने इसकी इजाजत नहीं दी.
उन्होंने सभी विधायकों को निर्देश दिया है कि अगले 10 दिनों तक बीएलए से फोन पर या उनके घर पर संपर्क करें और उन्हें सक्रिय रहने के लिए कहें तथा वीडियो कॉल पर उन्हें प्रोत्साहित करें. इसके साथ ही बीएलओ की भूमिका और लोगों की प्रतिक्रिया पर फीडबैक लेने के लिए भी कहा है.
उन्होंने कहा कि Lok Sabha सांसद बीईआरएस और टीईआरएस को फोन करेंगे और उन्हें प्रोत्साहित करेंगे. यह प्रक्रिया 7 दिनों तक जारी रहेगी. हर 15 दिन में चेयरपर्सन ममता बनर्जी को एक रिपोर्ट भेजी जाती है. इस कार्य के लिए सांसदों और विधायकों की भूमिका के बारे में टीएमसी 6 तारीख को एक रिपोर्ट सौंपेगी.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी और उनकी पार्टी एसआईआर का विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि एसआईआर को हड़बड़ी में कराया जा रहा है. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर इसे फिलहाल रोकने की मांग की थी.
पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा था कि राज्य में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य बेहद चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है. यह अभियान अनियोजित और खतरनाक तरीके से चलाया जा रहा है, जिससे पहले दिन से ही व्यवस्था चरमरा गई है.
ममता बनर्जी ने लिखा, “जिस तरह से यह प्रक्रिया अधिकारियों और नागरिकों पर थोपी जा रही है, वह न केवल अनियोजित और अव्यवस्थित है, बल्कि खतरनाक भी है.” उन्होंने आगे कहा कि बुनियादी तैयारी, पर्याप्त योजना या स्पष्ट संचार के अभाव ने इस प्रक्रिया को अव्यवस्थित कर दिया है.
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एएमटी/डीएससी