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रांची, 24 नवंबर . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सिंध को लेकर दिए गए बयान पर Jharkhand मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने प्रतिक्रिया दी है. झामुमो प्रवक्ता मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि केंद्र Government बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन निर्णायक समय पर पीछे हट जाती है.
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि सीमाएं भाषणों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से बदलती हैं.
मनोज पांडेय ने से कहा, “ये लोग केवल बड़े दावे करते हैं. जब असली समय आया, तब घुटने टेक दिए, युद्धविराम के लिए तैयार हो गए और पीछे हट गए, जबकि सेना पूरी तरह तैयार थी. आज सीमा बदलने की बातें करते हैं, लेकिन इतिहास कहता है कि सीमाएं कार्रवाई से बदलती हैं, बातों से नहीं.”
दरअसल, सिंधी समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि सिंध की जमीन आज भले ही India का हिस्सा न हो, लेकिन सभ्यता और सांस्कृतिक रूप से वह हमेशा India का अभिन्न अंग रहेगा.
उन्होंने आगे कहा था कि सीमाएं कभी भी बदल सकती हैं और कौन जानता है कि कल सिंध फिर से India में शामिल भी हो सकता है. रक्षा मंत्री ने यह भी कहा था कि सिंधी समाज के लोग सिंधु नदी को पवित्र मानते हैं और यह संबंध सदियों से India की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा रहा है.
वहीं, दूसरी ओर झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने इरफान अंसारी के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध स्वाभाविक है, लेकिन हर व्यक्ति का विरोध का तरीका अलग होता है. विरोध तो होगा ही, लेकिन विरोध का तरीका हर किसी का अलग होता है. हर व्यक्ति अपने दृष्टिकोण और समझ के अनुसार विरोध करता है.
बता दें कि Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एसआईआर के खिलाफ कहा था कि एसआईआर के बहाने भाजपा घुसपैठिए बताकर लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काटने का काम कर रही है. उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे एसआईआर का विरोध करें. जब भी एसआईआर के नाम पर बीएलओ उनके घर आएं तो उन्हें बांधकर रखें.
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वीकेयू/एबीएम