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New Delhi, 24 नवंबर . नए श्रम कानूनों को लेकर एयर इंडिया एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव एसएन भट्ट ने कहा कि केंद्र Government द्वारा लागू किए गए ये सुधार साहसिक, क्रांतिकारी और देश के मजदूर वर्ग के लिए ऐतिहासिक कदम हैं.
भट्ट ने से बातचीत में कहा कि टाइम-बाउंड मिनिमम वेतन की गारंटी, बेसिक सैलरी स्ट्रक्चर का बढ़ना, पीएफ और ग्रेच्युटी को व्यापक सीटीसी ढांचे में शामिल करना श्रमिकों को वास्तविक सुरक्षा और दीर्घकालिक लाभ देगा.
उन्होंने कहा कि सीटीसी का 50 प्रतिशत बेसिक माने जाने से श्रमिकों के पीएफ और ग्रेच्युटी दोनों बढ़ेंगे. यह Prime Minister मोदी द्वारा किया गया बेहद महत्वपूर्ण और दूरदर्शी निर्णय है.
महिलाओं के संबंध में भट्ट ने कहा कि नए कानून के तहत समान वेतन, जेंडर भेदभाव समाप्त करने और सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित किए गए हैं. इससे India की कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी अभूतपूर्व रूप से बढ़ेगी.
उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाओं के नाइट शिफ्ट को लेकर जो भ्रम फैलाया गया है, वह गलत है. नए कानून में महिलाओं की स्पष्ट सहमति और सुरक्षा की गारंटी अनिवार्य है.
उन्होंने 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को सोशल सिक्योरिटी के दायरे में लाने के फैसले को ‘Prime Minister की दूरदर्शी सोच और श्रमिक सम्मान की प्रतिबद्धता’ बताया. इनमें गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स और असंगठित क्षेत्र के मजदूर शामिल हैं.
भट्ट ने नए प्रावधानों जैसे ओवरटाइम पर डबल वेतन, 40 साल से ज्यादा आयु वाले श्रमिकों के लिए फ्री हेल्थ चेकअप, और लचीला चार दिवसीय वर्क वीक (12 घंटे की शिफ्ट) को वर्कर डिग्निटी और बेहतर जीवन गुणवत्ता की Governmentी प्राथमिकता का स्पष्ट संकेत बताया.
उल्लेखनीय है कि केंद्र Government ने Friday को चार लेबर कोड को लागू कर दिया है. इस कोड के लागू होते ही पहले के 29 श्रम कानून खत्म हो गए हैं. अब उनकी जगह पर एक एकीकृत और सरल कानूनी ढांचा काम करेगा. लागू किए गए कोड मजदूरी पर कोड (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020), सोशल सिक्योरिटी पर कोड (2020) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (2020) हैं.
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एएसएच/एबीएम