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New Delhi, 24 नवंबर . India की अर्थव्यवस्था मजबूत घरेलू मांग, हालिया GST रेट कटौती और मॉनेटरी पॉलिसी में ढील के कारण चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की तेजी से बढ़ने का अनुमान है. यह जानकारी Monday को आई एक रिपोर्ट में दी गई.
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के डेटा का भी अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 में India की विकास दर 6.7 प्रतिशत रहेगी जिसके साथ आउटलुक के लिए रिस्क बैंलेस्ड रहेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में India की रियल जीडीपी 7.8 प्रतिशत के साथ मजबूत रही, जो कि पांच तिमाहियों में सबसे तेज गति रही. इसी के साथ India की विकास गति मजबूत बनी हुई है.
केंद्र की ओर से सितंबर तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े 28 नवंबर को जारी किए जाएंगे.
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि ग्रोथ आउटलुक को बैलेंस बना हुआ है और नीचे की ओर से गिरावट को लेकर कोई बड़ा जोखिम नहीं बना हुआ है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास का अनुमान 6.8 प्रतिशत लगाया है, जो कि पिछले वर्ष के अनुमान 6.5 प्रतिशत से अधिक है.
India और अमेरिकी के बीच होने वाली संभावित ट्रेड डील निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने में सहायक हो सकती है और लेबर-इंटेन्सिव इंडस्ट्री को इसका समर्थन मिल सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालिया GST रेट कटौती, आयकर में राहत और कम ब्याज दर मिडल क्लास को फायदा देंगे और उपभोग को मजबूत करेंगे.
यूनियन बजट 2025-26 में आयकम में कटौती की छूट को 7 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए करने से मिडल-इकनम हाउसहोल्ड के लिए टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई.
इसके अलावा, आरबीआई की ओर से इस वर्ष जून में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती की गई, जो कि तीन वर्षों का सबसे निचला स्तर है.
इस वर्ष सितंबर में लगभग 375 जरूरी और आम इस्तेमाल वाली वस्तुओं पर से GST रेट को भी कम कर दिया गया है.
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स एशिया पैसेफिक के चीफ इकोनॉमिस्ट लुई कुइज ने कहा, “एशिया-प्रशांत की विकास दर 2026 में उच्च बनी हुई है लेकिन ब्याज दरों में कटौती को लेकर बहुत अधिक उम्मीदें नहीं हैं.”
कुइज ने कहा, “व्यापार पर अधिक पाबंदियां और इंडस्ट्रियल पॉलिसी व्यापार, निवेश और विकास पर आने वाले वर्षों में दबाव बना सकती हैं.”
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एसकेटी/