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New Delhi, 24 नवंबर . Supreme court में 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में यूएपीए के तहत आरोपित छात्र नेताओं (शरजील इमाम, उमर खालिद, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शिफा-उर-रहमान) की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई Monday को भी जारी रहेगी. सभी आरोपी यूएपीए के कठोर प्रावधानों के तहत गिरफ्तार हैं.
Supreme court की वेबसाइट पर जारी कॉजलिस्ट के अनुसार, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ दिल्ली Police की ओर से जमानत विरोध में पेश की जा रही दलीलों को आगे सुनेगी.
पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (जो दिल्ली Police का पक्ष रख रहे हैं) ने कहा था कि 2020 की हिंसा कोई अचानक हुई सांप्रदायिक झड़प नहीं थी, बल्कि राष्ट्रीय संप्रभुता पर हमला करने के लिए सुविचारित, सुनियोजित और योजनाबद्ध षड्यंत्र था.
उन्होंने कहा, “हमारे सामने यह कहानी रखी गई कि एक विरोध प्रदर्शन हुआ और उससे दंगे भड़क गए. मैं इस मिथक को तोड़ना चाहता हूं. यह स्वतःस्फूर्त दंगा नहीं था, बल्कि पहले से रचा गया, जो सबूतों से सामने आएगा.”
एसजी मेहता ने दावा किया कि जुटाए गए सबूत (जैसे भाषण और व्हाट्सएप चैट) दिखाते हैं कि समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की स्पष्ट कोशिश की गई.
उन्होंने विशेष रूप से शरजील इमाम के कथित भाषण का जिक्र करते हुए कहा, “इमाम कहते हैं कि उनकी इच्छा है कि हर उस शहर में चक्का जाम हो जहां मुसलमान रहते हैं.”
Thursday को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने Supreme court में शरजील इमाम के भाषणों के वीडियो और दंगों के दृश्य प्रस्तुत किए. उन्होंने कहा कि जांच में जो सामग्री सामने आई है, वह सोची-समझी और समन्वित साजिश को साबित करती है.
दिल्ली Police ने अपने जवाबी हलफनामे में उमर खालिद को ‘मुख्य साजिशकर्ता’ बताया. Police ने आरोप लगाया कि यह साजिश अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप की India यात्रा के दौरान ध्यान आकर्षित करने के लिए रची गई थी.
हलफनामे में कहा गया, “इसका मकसद सीएए को India में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ सामूहिक अत्याचार के रूप में पेश करके इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाना था. ये मुद्दा जानबूझकर चुना गया था, ताकि इसे ‘शांतिपूर्ण विरोध’ के नाम पर छुपाकर, लोगों को कट्टरपंथी बनाने के लिए एक उत्प्रेरक (यानी, भड़काने वाली वजह) के रूप में इस्तेमाल किया जा सके.”
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
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वीकेयू/एएस