चंद्रबाबू नायडू की सरकार में फसलों की कीमतों में आई गिरावट: जगन मोहन रेड्डी

अमरावती, 23 नवंबर . वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व Chief Minister वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने Sunday को सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि Chief Minister एन. चंद्रबाबू नायडू के 18 महीने के शासन में फसल की कीमतों में भारी गिरावट आई है.

जगन मोहन रेड्डी ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि नायडू की Government में धान, मक्का, केला, नारियल, कपास, दालें, बाजरा, मिर्च, तंबाकू, प्याज, टमाटर, कोको, गन्ना, आम और कई दूसरी फसलों की कीमतों में भारी गिरावट आई, जिससे किसान परेशान हैं. Governmentी मदद की कमी के कारण अब किसानों को अपनी ही उगाई हुई फसल को जोतने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि संकट को स्वीकार करने के बजाए नायडू ‘रायतन्ना-मीकोसम’ जैसे प्रचार के हथकंडों के जरिए ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि किसानों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अपनी पीड़ा के लिए खुद जिम्मेदार हैं.

Chief Minister ने घोषणा की है कि वह 24 से 29 नवंबर के बीच और फिर 3 दिसंबर को होने वाले ‘रायतन्ना-मीकोसम’ आउटरीच प्रोग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेंगे.

वाईएस जगन ने सवाल किया कि नायडू तीन चार्टर्ड फ्लाइट्स, छह हेलीकॉप्टर, विदेश दौरे, हैदराबाद की वीकेंड ट्रिप, Political बदले के केस, महंगे वकील, और पेड प्रोपेगैंडा पर करोड़ों खर्च कर सकते हैं, लेकिन किसानों को बचाने के लिए मामूली फंड भी जारी करने से इनकार कर देते हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 18 महीनों में कीमतें गिरने के बावजूद Government ने कीमतों को स्थिर करने के लिए एक भी रुपया मंजूर नहीं किया है.

उन्होंने याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश में लगभग 16 प्राकृतिक आपदाएं आईं, लेकिन नायडू ने एक बार भी सब्सिडी नहीं दी, मुआवजे की घोषणा नहीं की, या किसानों की परेशानी पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान नहीं दिया. न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों या उनसे मिलने आए नेताओं का साथ देने के बजाए Government ने उन्हें चुप कराने के लिए झूठे केस दर्ज किए.

उन्होंने कहा कि घोषणाएं तो जोर-शोर से की जाती हैं, लेकिन असल में कुछ भी लागू नहीं होता, जैसा कि मिर्च, तंबाकू, आम और प्याज किसानों के साथ बार-बार देखा गया है.

जगन मोहन रेड्डी ने नायडू पर आरोप लगाया कि उन्होंने वाईएसआरसीपी Government के दौरान बनाए गए हर सुरक्षा सिस्टम, फ्री फसल बीमा, आरबीके, ई-क्रॉप, सीएमएपीपी और डोरस्टेप खरीद को जानबूझकर खत्म कर दिया, जिससे किसानों को पहले दी जाने वाली सुरक्षा, भरोसा और गारंटी खत्म हो गई.

फ्री फसल बीमा खत्म कर दिया गया, और Government के पास चक्रवात और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लाखों किसानों के लिए कोई जवाब नहीं है जो बीमा कवरेज से बाहर हैं, न ही यह घोषणा की है कि मुआवजा कब दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि Government पर अभी भी 600 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी बकाया है और यह साफ नहीं किया है कि हाल के तूफान से प्रभावित किसानों को राहत कब मिलेगी.

नायडू ने 100 करोड़ रुपए का वादा किया. पीएम-किसान के अलावा, अन्नदाता सुखी भव योजना के तहत हर साल 20,000 रुपए दिए जाते थे, लेकिन दो साल में 40,000 रुपए में से सिर्फ 10,000 रुपए ही दिए गए.

वाईएसआरसीपी नेता ने कहा कि हालात इतने खराब हो गए हैं कि किसान अब ब्लैक मार्केट से खाद खरीदने और गुजारे के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहने को मजबूर हैं.

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