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New Delhi, 23 नवंबर . उपPresident सीपी राधाकृष्णन ने Sunday को कहा कि विकसित भारत@2047 के लक्ष्य को साकार करने में सिविल सेवकों की भूमिका अत्यंत अहम है. उन्होंने अंतिम पायदान तक लाभ पहुंचाने, टीमवर्क और समावेशी विकास की भावना को प्रशासनिक कार्यों का मूल आधार बताया.
आंध्र प्रदेश के पलसमुद्रम स्थित राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी में प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए उपPresident ने कहा कि व्यक्तिगत उत्कृष्टता से अधिक टीम की उत्कृष्टता जरूरी है. उन्होंने अधिकारियों से सतत सीखने और सुधारोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाने की अपील की.
उन्होंने बताया कि करीब 12 लाख यूपीएससी अभ्यर्थियों में से केवल लगभग 1,000 ही चयनित होते हैं, ऐसे में चयनित अधिकारी 140 करोड़ भारतीयों की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा, “जहां शक्ति होती है, वहां जिम्मेदारी भी होती है,” और प्रशिक्षु अधिकारियों को इस अवसर का उपयोग राष्ट्र सेवा में करने का आग्रह किया.
Prime Minister Narendra Modi द्वारा 2024 में नए राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी परिसर के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह संस्था सीमा शुल्क और GST प्रशासन में क्षमता निर्माण का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुकी है.
उभरती तकनीकों एआई, एनएलपी, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन को अपनाने का आग्रह करते हुए उपPresident ने कहा कि तकनीक पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने का माध्यम है. उन्होंने आईजीओटी कर्मयोगी ऐप को “कहीं भी, कभी भी सीखने का उत्कृष्ट मंच” बताया.
कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश Government के मानव संसाधन, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार मंत्री नर लोकेश, उपPresident के सचिव अमित खरे, राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी के महासंचालक डॉ. सुब्रमण्यम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
उपPresident ने इस वर्ष की विशेषता का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्र आज सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है, जिन्होंने अखिल भारतीय सेवाओं की नींव रखी. उन्होंने पटेल को एक दूरदर्शी नेता बताया जिनके मार्गदर्शन ने India को मजबूत, आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा दी.
उन्होंने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2026 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करेगा और इसे “मेरिट, ईमानदारी और निष्पक्षता का संरक्षक” कहा.
समावेशी विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि संपत्ति निर्माण और संपत्ति वितरण दोनों समान रूप से आवश्यक हैं और Prime Minister मोदी ने इन दोनों को राष्ट्र निर्माण के मूल सिद्धांतों में शामिल किया है.
उन्होंने GST को ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इससे देश की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था सरल और एकीकृत हुई है. उन्होंने कहा कि कर चोरी रोकना और विधि का पालन सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि “कानून समाज और राष्ट्र के हित में बनाए जाते हैं, और उन्हें लागू करना अधिकारियों का दायित्व है.”
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डीएससी