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हैदराबाद, 22 नवंबर . तेलंगाना Police को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हाथ लगी है. प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन के 37 खतरनाक अंडरग्राउंड कैडर ने Saturday को हथियार छोड़कर मुख्य धारा में शामिल होने का फैसला किया. इनमें तीन स्टेट कमेटी स्तर के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं, जिन पर कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था.
आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख नेताओं में कोय्याडा सम्बैया उर्फ आज़ाद, तेलंगाना स्टेट कमेटी के अप्पाला नारायण उर्फ रमेश और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के मुचाकी सोमाडा उर्फ एर्रा का नाम शामिल है. बाकी कैडर में तीन डिवीजनल कमेटी मेंबर, नौ एरिया कमेटी मेंबर और 22 मिलिशिया सदस्य हैं. ये सभी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा इलाके के रहने वाले हैं और लंबे समय से तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय थे.
तेलंगाना के Police महानिदेशक डॉ. जितेंद्र की मौजूदगी में हैदराबाद में आयोजित एक विशेष समारोह में इन सभी ने औपचारिक रूप से सरेंडर किया. इस दौरान उन्होंने आठ हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद भी Police को सौंप दिया. इन हथियारों में एक एके-47 राइफल, दो एसएलआर, चार .303 राइफल और एक जी-3 राइफल के अलावा विभिन्न कैलिबर के 343 जिंदा कारतूस शामिल हैं.
Police महानिदेशक ने इसे माओवादी संगठन को लगे अब तक के सबसे बड़े झटकों में से एक बताया. खास तौर पर खम्मम-मुलुगु डिवीजन के सात कैडर का एक साथ सरेंडर करना संगठन की रीढ़ तोड़ने वाला साबित होगा.
उन्होंने कहा कि लगातार सुरक्षा बलों का दबाव, बेहतर खुफिया जानकारी और Government की आकर्षक सरेंडर नीति की वजह से Naxalite अब हताश होकर मुख्य धारा में लौट रहे हैं. आत्मसमर्पण करने वाले सभी कैडर को तेलंगाना Government की पुनर्वास नीति के तहत तुरंत आर्थिक सहायता, सुरक्षा और रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे. इस साल तेलंगाना Police अब तक 70 से अधिक नक्सलियों को मुख्य धारा में ला चुकी है और आज का समर्पण इस दिशा में सबसे बड़ी उपलब्धि है.
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एसएचके/डीएससी