ऑपरेशन दृष्टि: एलजी मनोज सिन्हा ने आर्म्ड फोर्सेज की सेवाओं को सराहा, आई कैंप से लोगों को मिला लाभ

जम्मू, 22 नवंबर . जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने Saturday को केंद्र शासित प्रदेश में आर्म्ड फोर्सेज की कोशिशों और सेवाओं की तारीफ की. एलजी सिन्हा कमांड हॉस्पिटल उधमपुर में मेगा आई कैंप ‘ऑपरेशन दृष्टि’ के समापन समारोह में शामिल हुए, जबकि रक्षा मंत्री और आर्मी चीफ ने दिल्ली से वर्चुअली सभा को संबोधित किया.

डिफेंस मिनिस्ट्री के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल के मुताबिक, यह आयोजन New Delhi की सर्जिकल टीम के साथ मिलकर, हेडक्वार्टर नॉर्दर्न कमांड और आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज के अंडर ऑर्गनाइज़ किया गया. कैंप का समापन उधमपुर में एक क्लोजिंग सेरेमनी के साथ हुआ, जिसमें जम्‍मू-कश्‍मीर के एलजी मनोज सिन्हा शामिल हुए. नॉर्दर्न कमांड के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने एलजी और दूसरे लोगों का स्वागत किया.

डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने सेरेमनी को वर्चुअली संबोधित करते हुए, नॉर्दर्न कमांड और आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज के जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी मेडिकल केयर और जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेहतरीन आई केयर सर्विसेज देने के प्रयासों की सराहना की.

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस इवेंट को वर्चुअली संबोधित किया, और आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज और नॉर्दर्न कमांड को “एक यूनिक कोशिश” के लिए बधाई दी. बयान के मुताबिक, कैंप उम्मीदों से कहीं ज्‍यादा अच्छा रहा, जिसमें 2,000 से ज्‍यादा लोगों की स्क्रीनिंग हुई और 400 से ज्‍यादा मरीजों की सर्जरी की गई. इस दौरान उधमपुर, डोडा, राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़ और रामबन जैसे दूर-दराज के जिलों से लोग आए थे.

डिफेंस मिनिस्ट्री के बयान में कहा गया है कि सर्जिकल टीम में अनुभवी ऑप्थैल्मोलॉजिस्ट शामिल थे, जिनका नेतृत्व ब्रिगेडियर एसके मिश्रा कर रहे थे. ये एक सीनियर ऑप्थैल्मिक सर्जन और आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल, New Delhi में डिपार्टमेंट के हेड हैं, जिन्हें India के दो Presidentयों की सर्जरी करने का भी गौरव प्राप्त है.

बयान में आगे कहा गया कि टीम ने कमांड हॉस्पिटल उधमपुर के स्पेशलिस्ट के साथ मिलकर एडवांस्ड इक्विपमेंट और हाई-क्वालिटी इंट्राऑक्युलर लेंस का इस्तेमाल करके स्क्रीनिंग और सर्जरी की.

ब्रिगेडियर मिश्रा ने बताया कि कैंप में इस्तेमाल किए गए इक्विपमेंट “दुनिया भर में उपलब्ध सबसे अच्छे इक्विपमेंट में से थे.” मोतियाबिंद सर्जरी के अलावा, मरीजों की स्क्रीनिंग की गई और ग्लूकोमा और रेटिनल बीमारियों का इलाज किया गया. दूर-दराज के इलाकों के कई बेनिफिशियरी, जिन्हें आमतौर पर स्पेशल मेडिकल सर्विस पाने में मुश्किल होती है, उन्होंने कैंप के दौरान अच्छी आई केयर का फायदा उठाया.

बयान के मुताबिक, इस पहल की प्लानिंग और एग्जीक्यूशन नॉर्दर्न कमांड ने एलजी मनोज सिन्हा, डिफेंस मिनिस्टर और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के गाइडेंस में “मिशन मोड” में किया था. इसमें यह भी कहा गया कि सर्जिकल टीम और इक्विपमेंट को खास तौर पर इंडियन एयर फोर्स के एयरक्राफ्ट से लाया गया था. लाभार्थियों ने आर्मी का शुक्रिया अदा किया, जबकि आर्मी अधिकारियों ने इन सर्विस को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पब्लिक सपोर्ट के लिए तारीफ का इशारा बताया.

आखिरी इवेंट में लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा, जीओसी-इन-सी नॉर्दर्न कमांड ने भी अपनी बात रखी, जिन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और आर्मी हेडक्वार्टर को उनके सपोर्ट के लिए धन्यवाद दिया. डिफेंस स्टेटमेंट में कहा गया कि एलजी मनोज सिन्हा ने कोशिशों की तारीफ की और कई बेनिफिशियरी को चश्मे दिए, साथ ही आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल की सर्जिकल टीम को भी सम्मानित किया.

आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विसेज़ (डीजीएएफएमएस) की डायरेक्टर जनरल, सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने भी लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मोतियाबिंद अंधेपन का एक मुख्य कारण बना हुआ है और दूर-दराज के इलाकों में अच्छी हेल्थकेयर देने के लिए ऑर्गनाइजेशन के कमिटमेंट पर जोर दिया. उन्होंने डिफेंस मिनिस्टर और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को उनके सपोर्ट के लिए धन्यवाद दिया.

नॉर्दर्न कमांड के कमांडेंट और कमांड हॉस्पिटल के कमांडेंट मेजर जनरल एस. शर्मा ने Governmentी एजेंसियों, आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज के डायरेक्टरेट जनरल, आर्मी हेडक्वार्टर और नॉर्दर्न कमांड से मिली मदद को मानते हुए धन्यवाद दिया. प्रवक्ता ने आगे कहा कि इवेंट का समापन एलजी और आई कैंप के बेनिफिशियरीज़ के बीच बातचीत के साथ हुआ.

एएसएच/डीएससी