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उधमपुर, 22 नवंबर . जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में इंडो-तिब्बत बॉर्डर Police (आईटीबीपी) ने अपना 64वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया. इस मौके पर 15वीं बटालियन में कार्यक्रम आयोजित किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार उपस्थित रहे, साथ ही जम्मू-कश्मीर के उपGovernor मनोज सिन्हा, नॉर्दर्न कमांडर प्रतीक शर्मा, डीजी जम्मू-कश्मीर नलिन प्रभात और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी शिरकत की.
इस दौरान बंदी संजय कुमार ने आईटीबीपी के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी, परेड का निरीक्षण किया और स्थापना दिवस परेड की भव्य झलक देखी.
मुख्य अतिथि बंदी संजय कुमार ने अपने संबोधन में आईटीबीपी के सभी जवानों को बधाई दी और उनकी कठिन हिमालयी परिस्थितियों में सेवा की सराहना की. उन्होंने उनकी निष्ठा, समर्पण और देश की सुरक्षा में पेशेवराना योगदान को भी हाईलाइट किया.
आईटीबीपी के डीजी प्रवीण कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और बल की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने आईटीबीपी की सीमा सुरक्षा, आपदा राहत, आंतरिक सुरक्षा, नक्सल ऑपरेशन और पर्वतारोहण व रेस्क्यू ऑपरेशन में योगदान पर जोर दिया.
स्थापना दिवस परेड में बल की प्रमुख यूनिटों ने भाग लिया. इसमें महिला कंटिंजेंट, स्की टीम, माउंटेड कॉलम, कमांडो पैराट्रूपर्स, डॉग स्क्वाड और ब्रास बैंड शामिल थे. इसके साथ ही महिला हिम्मवीरों द्वारा सी-एसएसी ड्रिल, ड्रोन डिस्प्ले और मार्शल आर्ट परफॉरमेंस ने कार्यक्रम को और भी रोमांचक बना दिया. इस मौके पर पांच कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए President Police पदक से सम्मानित किया गया, जबकि 24 अधिकारियों और जवानों को सराहनीय सेवा के लिए Police पदक से नवाजा गया.
साल के बेहतरीन यूनिट पुरस्कार भी इसी मौके पर दिए गए. 43 बटालियन को बेस्ट बॉर्डर बटालियन, 52 बटालियन को बेस्ट नॉन-बॉर्डर बटालियन, 27 बटालियन को बेस्ट एएनओ यूनिट, 18 बटालियन को बेस्ट क्लीन बटालियन, 25 बटालियन को बेस्ट ग्रीन बटालियन और 13 बटालियन को राजभाषा चालशील्ड ट्रॉफी (2024) से सम्मानित किया गया. अतिरिक्त महानिदेशक जनरल मुकेश सिंह ने धन्यवाद देते हुए मुख्य अतिथि और सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और बल की देश सेवा में अटूट समर्पण की प्रतिबद्धता को दोहराया.
गौरतलब है कि आईटीबीपी की स्थापना 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद हुई थी. यह बल 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करता है और दुनिया की सबसे ऊंची और कठिन जगहों पर काम करता है. आईटीबीपी नक्सल विरोधी अभियान, वीआईपी सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और देशभर में आंतरिक सुरक्षा कार्यों में भी अहम भूमिका निभाता है.
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पीआईएम/डीएससी