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कोलकाता, 21 नवंबर . पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 की तैयारियों को मजबूत करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) के लिए Friday को ताल कुटीर कन्वेंशन सेंटर, न्यू टाउन, कोलकाता में वर्कशॉप आयोजित की गई.
कार्यक्रम में राज्य के 24 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), एडीएम (इलेक्शन), जिला ईवीएम नोडल अधिकारी और सभी फर्स्ट लेवल चेकिंग सुपरवाइजर शामिल हुए. वर्कशॉप का शुभारंभ मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पश्चिम बंगाल मनोज कुमार अग्रवाल और चुनाव आयोग के सीनियर डेप्युटी इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने किया.
दिनभर चले इस प्रशिक्षण सत्र में विशेषज्ञों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों के पूरे काम पर विस्तार से जानकारी दी. इसके साथ ही प्रशिक्षण में मशीन ऑपरेशन, रैंडमाइजेशन, कमीशनिंग, पोलिंग प्रक्रिया, काउंटिंग और पोस्ट-काउंटिंग प्रोटोकॉल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की गई.
ईसीआईएल के विशेषज्ञ पीसी मंडल ने मशीनों के सुरक्षा फीचर्स, तकनीकी संरचना और उनकी विश्वसनीयता के बारे में विस्तार से बताया. वहीं, चुनाव आयोग के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन डिवीजन के सेक्रेटरी मधुसूदन गुप्ता ने फर्स्ट लेवल चेकिंग एवं चुनाव प्रक्रिया के दौरान होने वाली सामान्य गलतियों के बारे में एक-एक कर जानकारी दी. इसके साथ ही उनसे बचने के उपाय भी बताए.
वर्कशॉप स्थल पर बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं, जिन पर इंजीनियरों ने लाइव ऑपरेशन और तकनीकी डिमॉन्स्ट्रेशन प्रस्तुत किया. प्रतिभागियों ने पूरे सत्र में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और मशीनों से जुड़े सभी तकनीकी व प्रक्रियात्मक पहलुओं की विस्तृत समझ प्राप्त की.
वॉक्रशाप के अंत में एक डाउट-क्लियरिंग सेशन आयोजित किया गया, जिसके बाद प्रतिभागियों को एक इवैल्यूएशन एक्सरसाइज कराई गई. सभी अधिकारियों ने लिखित घोषणा जमा की कि उन्हें सत्र में कवर किए गए सभी विषय पूरी तरह समझ आ गए हैं और कोई भी प्रश्न लंबित नहीं है.
यह वर्कशॉप आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मशीनों की पारदर्शिता, विश्वसनीयता और सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
यह वर्कशॉप 27 नवंबर 2025 से राज्य के 10 जिलों में शुरू होने वाली फर्स्ट-लेवल चेकिंग प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई थी. पूरी फर्स्ट-लेवल चेकिंग प्रक्रिया 15 जनवरी 2026 तक चलेगी और कुल 52 स्थानों पर यह कार्य संपन्न होगा.
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एसएके/डीएससी