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New Delhi, 21 नवंबर . गाजियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने Friday को 99 लाख रुपए के बैंक लोन फ्रॉड मामले में दोषी कपिल कुमार को 3 साल 7 महीने 10 दिन की सजा सुनाई. कोर्ट ने उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.
यह मामला सीबीआई की ओर से 13 सितंबर 2017 को दर्ज किया गया था. जांच के दौरान सामने आया कि कपिल कुमार ने एक व्यक्ति के साथ मिलकर अधूरे और गलत दस्तावेजों के आधार पर अपने नाम पर 99 लाख रुपए का लोन स्वीकृत करवाया.
वहीं उसकी पत्नी और साथी मनीषा देवी पर जाली डॉक्यूमेंट्स के माध्यम से प्लॉट की खरीद और बैंक खाते से अवैध रूप से 10-10 लाख रुपए की दो बार पैसा निकालने का आरोप है. जांच में यह भी पाया गया कि खाते से कुल 96 लाख रुपए निकाल लिए गए और लोन राशि का दुरुपयोग किया गया, जो बैंक लोन की शर्तों के खिलाफ था.
सीबीआई की ओर से 23 दिसंबर 2021 को दाखिल चार्जशीट में कपिल कुमार के साथ अन्य Governmentी और निजी व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया था. अदालत ने 18 जुलाई 2025 को कपिल कुमार के खिलाफ आरोप तय किए. इसके बाद 12 नवंबर 2025 को कपिल कुमार ने कोर्ट में अपना अपराध स्वीकार करते हुए ‘प्लीड गिल्टी’ की अर्जी दाखिल की थी.
इसके बाद Friday को कोर्ट ने अपने फैसले में इस ‘प्लीड गिल्टी’ अर्जी को स्वीकार कर लिया. इसके आधार पर अदालत ने कपिल कुमार को दोषी ठहराते हुए संबंधित धाराओं में सजा सुनाई. अदालत के अनुसार, कपिल ने केनरा बैंक (पूर्व में सिंडिकेट बैंक), गाजियाबाद को नुकसान पहुंचाया था.
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एसएके/वीसी