मकोय : छोटा-सा पौधा, जिसमें छिपा है औषधीय गुणों का खजाना

New Delhi, 21 नवंबर . मकोय एक छोटा सा पौधा है, जिसमें सेहत का खजाना है. मकोय न केवल लिवर, किडनी और हृदय के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह महिलाओं के पीरियड दर्द, सूजन, संक्रमण और सामान्य कमजोरी में भी राहत देता है.

मकोय छाया वाले इलाकों में पूरे साल पाया जाता है. इसके पत्ते हरे, अंडाकार या आयताकार होते हैं, फूल छोटे, सफेद और नीचे झुके हुए होते हैं, जबकि फल हरे से नीले या बैंगनी रंग में बदलते हैं. बीज छोटे और पीले रंग के होते हैं और पकने पर फल मीठा लगता है.

मकोय के कई फायदे हैं. यह लिवर और किडनी के लिए बेहद फायदेमंद है. फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस जैसी समस्याओं में इसका सेवन लाभदायक है. महिलाओं के पीरियड क्रैंप्स और दर्द में राहत दिलाने में भी यह मदद करता है. मकोय के पत्ते, फल, तना और बीज सबका अलग-अलग उपयोग होता है. गठिया, सूजन, खांसी, पेट की गैस, अपच, मूत्र रोग, कान दर्द, आंखों के रोग और शारीरिक कमजोरी में इसका सेवन फायदेमंद है.

मकोय डाययुरेटिक यानी पेशाब बढ़ाने वाला है. अगर रात में नींद नहीं आती या डर लगता है, तो मकोय का नियमित सेवन मदद कर सकता है. इसमें फाइटोकेमिकल्स और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जिससे बार-बार यूरिन इंफेक्शन नहीं होता. यह शरीर से बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है.

मकोय के पत्ते, हल्दी और पान के पत्ते का लेप पुराने घाव, चोट, दाद, खाज और सूजन में लाभ पहुंचाता है. इसके पके फल टीबी जैसी बीमारी में फायदा देते हैं. इसके अर्क से किडनी की सूजन और दर्द कम होता है.

मकोय कैंसर रोधी गुणों वाला फल है, जो ट्यूमर और कैंसर सेल्स के विकास को रोकने में मदद करता है. हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज में भी यह असरदार है, क्योंकि यह ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है.

हालांकि इसका सेवन करने से पहले योग्य आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेना बहुत जरूरी है.

पीआईएम/एबीएम