अफगान शरणार्थियों के वापस लौटने से तालिबानी सरकार पर बढ़ रहा दबाव, भारत से आर्थिक संबंध मजबूत करने पर जोर

New Delhi, 21 नवंबर . बीते कुछ दिनों में Pakistan और ईरान से भारी संख्या में अफगानिस्तानी शरणार्थियों के जबरदस्ती निकाले जाने की घटना सामने आई है. लाखों की संख्या में लोग अफगानिस्तान लौट रहे हैं, जिसकी वजह से अफगानिस्तान की तालिबानी Government के अधिकारियों पर दबाव बढ़ रहा है. तालिबानी Government अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच वैश्विक समर्थन की तलाश में है.

काबुल की ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 10 महीनों में 1.5 मिलियन से ज्यादा लोग वापस लौट चुके हैं. यह अफगानिस्तान की Government के लिए इस वक्त दबाव का बड़ा कारण बना हुआ है. इस बीच इंडस्ट्री और कॉमर्स मिनिस्टर नूरुद्दीन अजीजी India में मौजूद हैं. उन्हें India के साथ बेहतर इकोनॉमिक कोऑपरेशन और कोऑर्डिनेशन की उम्मीद है.

अफगानिस्तान के टोलो न्यूज ने बताया, “India के विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि India अफगान लोगों की तरक्की और खुशहाली का समर्थन करता है.”

टोलो न्यूज ने अफगानिस्तान के इंडस्ट्री और कॉमर्स मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन अखुंदजादा अब्दुल सलाम जवाद के हवाले से कहा, “मीटिंग में दोनों देशों के बीच कमर्शियल अटैचमेंट शुरू करने, अफगान प्राइवेट सेक्टर मेंबर्स के लिए वीजा की सुविधा, पहले से बने जॉइंट वर्किंग ग्रुप को फिर से एक्टिवेट करने, जॉइंट चैंबर ऑफ कॉमर्स बनाने और चाबहार पोर्ट से जुड़े मामलों को सुलझाने पर भी बात हुई.”

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि बातचीत में इकोनॉमिक कोआर्डिनेशन को बेहतर बनाने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ट्रेड अटैचमेंट बनाने के प्लान भी शामिल थे. एक अलग रिपोर्ट में, टोलो न्यूज ने अफगानिस्तान में शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा कि एक महीने से भी कम समय में ईरान, Pakistan और तुर्किए से 284,000 से ज्यादा अफगान माइग्रेंट्स को डिपोर्ट किया गया है.

अफगानिस्तान में शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय के अनुसार, इस संख्या में 83,135 ऐसे पुरुष शामिल हैं जो अपने परिवारों से अलग लौटे हैं और 2,076 कैदी Pakistanी जेलों से रिहा हुए हैं.

यूएन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) ने हाल ही में कहा कि विदेश में लगभग 4.5 मिलियन अफगानी अपने देश लौट रहे हैं, लेकिन देश के गंभीर हालात प्रशासन और एड एजेंसियों के लिए उन्हें फिर से बसाना मुश्किल बना रहे हैं. इस वक्त अफगानिस्तान की तालिबानी Government अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुश्किलों का सामना कर रही है.

केके/एएस