अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र पूर्वोत्तर के ऊर्जा परिवहन की रीढ़, भारत की ऊर्जा सुरक्षा को कर रहा मजबूत : सर्बानंद सोनोवाल

New Delhi, 21 नवंबर . केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के अनुसार, संचालित जलमार्गों में 767 प्रतिशत, कार्गो की मात्रा में 635 प्रतिशत, निवेश में 233 प्रतिशत और मल्टीमॉडल टर्मिनलों में हुई 62 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र में असाधारण प्रगति को दर्शाती है.

Union Minister सोनोवाल ने नॉर्थ ईस्ट ऑयल एंड गैस कॉन्क्लेव 2025 में अपने संबोधन में कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट (आईडब्ल्यूटी) पर एक नए फोकस के साथ कार्गो मूवमेंट आसान और तेज हुआ है और लॉजिस्टिक्स की लागत कम हुई है. साथ ही, ब्रह्मपुत्र और बराक रिवर सिस्टम में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और इंडस्ट्रियल कार्गो के मूवमेंट के लिए एक विश्वसनीय मल्टीमॉडल नेटवर्क उपलब्ध हुआ है.”

उन्होंने बताया कि एनडब्‍ल्‍यू-2 पर एनुअल कार्गो मूवमेंट अब लगभग 6 लाख टन तक पहुंच रहा है. इस प्रगति पर उन्होंने कहा, “अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र आज पूर्वोत्तर के एनर्जी ट्रांसपोर्टेशन की रीढ़ बनकर उभरा है, जो India की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करता है और नए व्यापार मार्गों के दरवाजे खोलता है.”

Union Minister ने जानकारी देते हुए कहा कि इंडिया मेरिटाइम वीक 2025 के दौरान, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने जलमार्ग लॉजिस्टिक्स की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए 40,000 करोड़ रुपए मूल्य के एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

Union Minister ने कहा कि Government ने पिछले दो वर्षों पूर्वोत्‍तर में परमानेंट कार्गो टर्मिनल, शिप रिपेयर सुविधाओं, टूरिस्ट जेट्टी और अर्बन वॉटर ट्रांसपोर्ट सिस्टम सहित 1,000 करोड़ रुपए की इंटरलैंड वॉटरवेज प्रोजेक्ट शुरू किए हैं.

उन्होंने आगे कहा कि पांडु में 239 करोड़ रुपए की शिप रिपेयर फैसिलिटी बनकर तैयार हो रही है, जिससे रिवर वेसल के रखरखाव का खर्च काफी कम होने की उम्मीद है, जो अभी मरम्‍मत के लिए बांग्लादेश के रास्ते कोलकाता जाते हैं.

Union Minister सोनोवाल ने कहा, “राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो परिवहन पिछले वर्ष 146 मिलियन टन के सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंच गया, जबकि पहले यह केवल 18 मिलियन टन था. इसी के साथ 2027 तक 76 राष्ट्रीय जलमार्ग संचालित हो जाएंगे.”

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