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New Delhi, 21 नवंबर . मशहूर सेलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर को कौन नहीं जानता है. टीवी के शो ‘खाना खजाना’ से शुरू की गई उनकी जर्नी ने आज उन्हें विदेशों तक लोकप्रिय कर दिया है.
आज वे कई रियलिटी शो में जज की भूमिका निभा चुके हैं और नए खाने से जुड़ी खुद की सीरीज भी लाते रहते हैं. इतनी सफलता को पाने के बाद शेफ ने अपने पुराने टीवी के दिनों और पहले शो की यादें ताजा की हैं.
संजीव कपूर ने social media पर अपने पहले शो और उससे हासिल हुई सफलता के बारे में बात की है. उन्होंने अपने पहले शो खाना खजाना की पुरानी फोटो डाली है और लिखा है, “टीवी ने मुझे एक ऐसा ब्रेक दिया जो कभी सोचा नहीं था. खाना खज़ाना के होस्ट के तौर पर रिजेक्ट होने से लेकर सालों तक इसे होस्ट करने तक, टेलीविजन ने मुझे अपने जुनून को आगे बढ़ाने और खाने के प्रति अपने प्यार को लाखों लोगों के साथ साझा करने का एक मंच दिया.”
उन्होंने आगे लिखा, “ये पुरानी तस्वीरें मुझे उस समय की याद दिलाती हैं, जब सब कुछ शुरू हुआ था.”
संजीव कपूर अपने शो का अनुभव भी शेयर कर चुके हैं. उन्होंने बताया था कि जब पहली बार शो करने वक्त उन्हें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. पहले दिन उन्हें शूट के लिए लंबी सी स्क्रिप्ट पकड़ा दी गई थी और उन्हें याद करने में बहुत परेशानी हुई, लेकिन उन्होंने बिना स्क्रिप्ट याद किए शो को अपने तरीके से होस्ट किया. ये बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि संजीव कपूर सिर्फ खाना बनाने में नहीं, बल्कि पढ़ाई में भी अव्वल थे. जब वे कॉलेज में थे, तो हर साल बेस्ट स्पीकर की ट्रॉफी जीतते थे. इस तरह वे खाना बनाने के साथ-साथ बोलने में भी पहले से एक्सपर्ट थे.
‘खाना खजाना’ शो साल 1993 से शुरू हुआ था और शो के पहले एपिसोड को पंजाबी शेफ हरपाल सिंह सोखी ने होस्ट किया था, लेकिन बाकी के सारे एपिसोड संजीव कपूर ने होस्ट किए थे. शो 1993 से 2012 तक चला था, जिसमें खाने की नई-नई रेसिपी को शेफ संजीव कपूर नई कहानियों के साथ लेकर आते थे.
‘खाना खजाना’ को शूट करने से पहले शो का नाम ‘श्रीमान बावर्ची’ था. शो का नाम सुनते ही संजीव कपूर ने शो करने से मना कर दिया था. उनकी पहली लड़ाई यही थी कि बावर्ची क्या होता है, हम शेफ हैं. काफी लड़ने और कई नामों का चुनाव करने के बाद में फिल्ममेकर हंसल मेहता के साथ शो का नाम ‘खाना खजाना’ रखा गया. ये शो फिल्ममेकर हंसल मेहता के करियर का भी पहला शो था, जो सुपरहिट साबित हुआ.
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पीएस/एएस