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New Delhi, 21 नवंबर . भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में मजबूत घरेलू आर्थिक विकास, बढ़ते शहरीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ को देखते हुए 2025 और 2026 में प्रत्येक वर्ष विदेशी और घरेलू निवेशकों से 5-7 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित होने का अनुमान है. यह जानकारी Friday को आई एक रिपोर्ट में दी गई.
रियल एस्टेट सर्विस फर्म कोलियर्स की एक लेटेस्ट रिपोर्ट बताती है कि 2024 से एपीएसी-केंद्रित कैपिलट रेजिंग 130 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है, जो कि 2025 की पहली तिमाही से तीसरी तिमाही तक की अवधि में ग्लोबल फंड रेजिंग के 11 प्रतिशत को दर्शाता है.
भारतीय रियल एस्टेट मार्केट को लेकर कोलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा, “इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स सेगमेंट एक नई तेजी दर्ज करवाएंगे. अल्टरनेटिव एसेट्स में डेटा सेंटर में निवेश बढ़ने का अनुमान है, जो कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और हाइपरस्केल मांग के विस्तार की वजह से देखा जाएगा.”
लगातार ऑक्यूपायर एक्टिविटी और हेल्दी सप्लाई पाइपलाइन की वजह से 2025 में ऑफिस और रेजिडेंशियल एसेट्स कुल निवेश में 60 प्रतिशत का योगदान दर्ज करवा सकते हैं.
इक्विटी मार्केट लिक्विडिटी को बढ़ा रहे हैं और रीट्स और आईपीओ के जरिए अल्टर्नेटिव इन्वेस्टमेंट के अवसरों को पैदा कर रहे हैं, जो कि भारतीय रियल एस्टेट में क्रॉस-बॉर्डर पार्टिसिपेशन को गति भी देने का काम कर रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल इन्वेस्टर्स रीजन और सेगमेंट में डायवर्सिफिकेशन के साथ रियल एस्टेट मार्केट में दोबारा प्रवेश कर रहे हैं और एलोकेशन एशिया प्रशांत की ओर शिफ्ट कर रहे हैं. इसमें India एक पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है.
संस्थागत निवेशकों का सर्वे बताता है कि मार्केट फंडामेंटल में सुधार हो रहा है, लिक्विडिटी लौट रही है और वैश्विक स्तर पर प्राइसिंग एक्सपेक्टेशन नॉर्मल हो रही है.
पहले से स्थापित मार्केट जैसे जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर पॉपुलर बने हुए हैं. वहीं उभरते बाजारों में खासकर India उच्च रिटर्न के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 2025 के पहले 9 महीनों में 4.3 अरब डॉलर के साथ मजबूत बना हुआ है, जिसे पहली तिमाहियों में मजबूत तेजी से समर्थन मिला है.
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एसकेटी/