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New Delhi, 21 नवंबर . Supreme court में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ केरल Government की याचिका पर सुनवाई से पहले विपक्ष के कई Political दलों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एसआईआर को गैर-कानूनी बताते हुए इसका विरोध किया.
Samajwadi Party (सपा) के नेता फखरुल हसन चांद ने कहा, “Samajwadi Party का मानना है कि एसआईआर से जुड़ी पिटीशन अभी भी Supreme court में पेंडिंग है और कोई आखिरी फैसला नहीं हुआ है. लीगल एक्सपर्ट्स ने बार-बार कहा है कि एसआईआर गैर-कानूनी है.”
सपा नेता ने कहा, “चुनाव आयोग को यह बिल्कुल भी अधिकार नहीं है कि वह मतदाताओं के लिए अलग से यह फॉर्म भराए कि आप मतदाता हैं या नहीं हैं. सवाल इस बात का है कि अगर चुनाव आयोग मतदाता सूची का शुद्धिकरण कर रहा है और सभी को लाइन में लगा रहा है तो क्यों फिर यह मतदाता सूची एक नहीं हो रही है?”
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “हम आज एसआईआर के खिलाफ फाइल की गई पिटीशन पर सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं, यह देखने के लिए कि कार्रवाई कैसे होती है और क्या फैसला आता है.”
एसआईआर पर सुनवाई से पहले कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी इस विषय पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “हर Government पिटीशन फाइल करेगी. मैं Supreme court के रुख पर कमेंट नहीं कर सकता. यह एक लीगल और पॉलिटिकल लड़ाई है. इस लड़ाई को हर Political दल को लड़ना पड़ेगा.”
संदीप दीक्षित ने कहा कि चुनाव आयोग एक हठ और जिद के साथ ऐसी प्रक्रिया को चला रहा है, जिस पर किसी को विश्वास नहीं है. बार-बार कहा जाता है कि एसआईआर के कारण बिहार के चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ा. लेकिन यह स्वभाविक है कि कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि जिनका नाम काटा गया, वह विपक्ष के वोटर थे.
पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशी नागरिकों के भागने पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, “अगर गैर-कानूनी बांग्लादेशी वापस जा रहे हैं, तो यह अच्छी बात है. बीएसएफ को भी उनकी पहचान करनी चाहिए. सवाल यह है कि उन्हें पहले क्यों नहीं पकड़ा गया?”
उन्होंने आगे कहा, “इसका एसआईआर से कोई बहुत ज्यादा संबंध नहीं है. एसआईआर एक प्रक्रिया है. अगर एसआईआर प्रक्रिया के दौरान पता चलता है कि कुछ घुसपैठियों की पहचान की गई है, तो उनका सबूत दिया जाना चाहिए.”
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “सुनवाई होगी और हम इसका इंतजार करेंगे. हम न्यायपालिका और देश के संविधान का सम्मान करने वाले लोग हैं. सुनवाई के बाद जो भी फैसला आएगा, हम उसी के अनुसार अपना बयान जारी करेंगे.”
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डीसीएच/