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पश्चिमी चंपारण, 21 नवंबर . बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. नतीजों के लगभग एक हफ्ते बाद पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने एक दिन का ‘मौन’ व्रत रखा और हार पर आत्मचिंतन किया.
प्रशांत किशोर Thursday को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिन के प्रायश्चित मौन व्रत पर बैठे. उन्होंने पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और इसके बाद निर्धारित स्थान पर बैठकर मौन व्रत की शुरुआत की थी. उनका यह ‘मौन’ व्रत Friday सुबह 11 बजे तक जारी रहा.
इसी बीच, जन सुराज पार्टी के नेता मनीष कश्यप ने से बातचीत में कहा, “जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भितिहरवा आश्रम से एक बार फिर नई शुरुआत कर रहे हैं. तीन साल पहले हमने भितिहरवा आश्रम से शुरुआत की थी. हम बिहार को बदलने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पलायन जैसे विषयों को लेकर चले थे. ये प्रमुख मुद्दे थे, लेकिन हमें उतनी सफलता नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी. इसीलिए हम अब यहां हैं.”
मनीष कश्यप ने आगे कहा, “प्रशांत किशोर यहां एक दिन का मौन व्रत रख रहे हैं और इसके खत्म होने के बाद हम एक बार फिर बिहार के लोगों को जगाने और राज्य को बदलने की दिशा में काम करेंगे.”
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी शून्य पर सिमट गई. पार्टी 238 सीटों पर मैदान में थी, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई.
नतीजों के बाद प्रशांत किशोर ने हार को स्वीकार किया. इसके साथ ही उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन साल में जितनी मेहनत करते हुए बिहार की जनता ने देखा है, उससे दोगुनी ताकत से मेहनत करते हुए आप मुझे अगले पांच साल देखेंगे. हार तब होती है, जब आप प्रयास छोड़ देते हैं.
बिहार की नई Government को चेतावनी देते हुए प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि चुनाव के समय बिहार की डेढ़ करोड़ महिलाओं को यह कहते हुए 10 हजार रुपए दिया गया कि उन्हें एनडीए की Government बनने के बाद स्वरोजगार के लिए 2 लाख रुपए मिलेंगे. छह महीने के अंदर अगर यह वादा पूरा नहीं हुआ तो इन परिवारों के हक की लड़ाई जन सुराज लड़ेगा.
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डीसीएच/