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नोएडा, 21 नवंबर . दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर से गंभीर स्थिति में पहुंच गया है. विशेष रूप से गाजियाबाद के लोनी इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगभग 500 के खतरनाक स्तर को छू गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं.
जहरीली हवा के कारण अस्पतालों में सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें बुजुर्ग और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में है.
पूसा में एक्यूआई 341, आरके पुरम में 401, रोहिणी में 424, सोनिया विहार में 396, और वजीरपुर में 442 दर्ज किया गया है. ये सभी स्तर ‘बहुत खराब’ से लेकर ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं, जो न केवल स्वस्थ लोगों के लिए हानिकारक हैं, बल्कि पहले से बीमार लोगों की स्थिति को और भी गंभीर बना रहे हैं.
एनसीआर के अन्य शहरों में भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं. नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 438, सेक्टर-116 में 428, और सेक्टर-1 में 399 दर्ज किया गया है. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में एक्यूआई 431 तक पहुंच गया है. गाजियाबाद के इंदिरापुरम, लोनी, संजय नगर और वसुंधरा जैसे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है.
विशेषज्ञों के अनुसार, वायु प्रदूषण में पीएम2.5 और पीएम10 के उच्च स्तर मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं, जो सीधे तौर पर फेफड़ों और दिल की बीमारियों को बढ़ावा देते हैं. नवंबर महीने के एयर क्वालिटी कैलेंडर के आंकड़े बताते हैं कि 16 नवंबर को एक्यूआई 419, 18 नवंबर को 434 और 20 नवंबर को 430 तक पहुंच गया था, जो लगातार खराब होती स्थिति की ओर इशारा करता है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 21 से 26 नवंबर के बीच मौसम में कोई सिग्निफिकेंट बदलाव होने की उम्मीद नहीं है. कोहरा और हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषक तत्व हवा में जमे रहेंगे, जिससे स्थिति में जल्द सुधार की संभावना नहीं है. डॉक्टरों ने लोगों को घर के अंदर रहने, मास्क पहनने और बाहरी गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी है, खासकर उन लोगों को जो पहले से ही सांस या दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं.
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पीकेटी/एएस